महाराष्ट्रः जामनेर निकाय चुनाव में बीजेपी के खाते में सभी 25 सीटें, एनसीपी-कांग्रेस का सूपड़ा साफ

महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अंतर्गत आने वाले जामनेर निकाय चुनाव में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर कब्जा जमाते हुए एनसीपी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया. देवेंद्र फडणवीस सरकार सरकार में मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी सदाना महाजन ने निकाय अध्यक्ष पद पर काबिज होते हुए एनसीपी की अंजलि पवार को 8400 वोटों से हराया.

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महाराष्ट्रः जामनेर निकाय चुनाव में बीजेपी के खाते में सभी 25 सीटें, एनसीपी-कांग्रेस का सूपड़ा साफ

Aanchal Pandey

  • April 12, 2018 4:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

जामनेरः महाराष्ट्र के जलगांव जिला स्थित जामनेर में निकाय चुनाव में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर कब्जा कर लिया है. देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी और बीजेपी की निकाय अध्यक्ष प्रत्याशी सदाना महाजन ने एनसीपी उम्मीदवार अंजलि पवार को 8400 वोटों से हराकर जामनेर निकाय अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया. राज्य सरकार में मंत्री गिरीश महाजन को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का काफी करीबी माना जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल में हुए नासिक के किसानों के आंदोलन की बात हो या फिर दिल्ली में समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन से सरकार के माथे पर पैदा बल, वो गिरीश महाजन ही थे जिन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की पैरवी कर हुक्मरानों को इस मुसीबत से निकाला. गिरीश महाजन ने इस जीत को जनता की विजय बताया. उन्होंने कहा, ‘जामनेर के लोगों ने विकास के लिए वोट किया है. जनता ने एनसीपी और कांग्रेस की कास्ट पॉलिटिक्स और झूठे वादों को सिरे से खारिज कर दिया. बीजेपी जामनेर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.’

सूत्रों की मानें तो इस चुनाव में मिली जीत के बाद बीजेपी नेता एकनाथ खड़से का कद जरूर कम होगा. दरअसल खड़से इसी जिले से आते हैं और वह गिरीश महाजन के राजनीतिक प्रतिद्वंदी माने जाते हैं, हालांकि दोनों एक ही पार्टी में जरूर हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस जीत के बाद सूबे की राजनीति में गिरीश महाजन का कद बढ़ना तय है. फडणवीस खुद महाजन को पसंद करते हैं और कई मौकों पर उन्हें सपोर्ट करते आए हैं. दूसरी ओर एनसीपी नेता इसे धनबल और सत्ता की जीत बता रहे हैं. उनका आरोप है कि गिरीश महाजन पिछले 15 दिनों से जामनेर में ठहरे हुए थे. उन्होंने घर-घर जाकर वोट नहीं मांगे. एनसीपी नेताओं ने महाजन पर 5 हजार रुपये प्रति वोट खरीदने का आरोप भी लगाया.

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