हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों में छात्रों के एडमिशन फॉर्म में उनके परिवार, जाति, धर्म, आरक्षण, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट के साथ-साथ यह पूछकर सबको चौंका दिया है कि क्या उनके मां-बाप किसी 'अस्वच्छ' पेशे में तो नहीं हैं. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मां-बाप के पेशे को अस्वच्छ कहना बहुत ही बेतुका है. निगरानी करना बीजेपी के डीएनए में शामिल है. राज्य सरकार को इसके लिए अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए.
चंडीगढ़ः हरियाणा में इस साल से बच्चों के स्कूल में दाखिले के वक्त सरकार की ओर से हैरान कर देने वाली जानकारियां मांगी गई हैं. दाखिले के लिए जारी किए गए एडमिशन फॉर्म में पूछा गया है कि क्या उनके माता-पिता किसी ‘अस्वच्छ व्यवसाय’ में शामिल हैं? क्या वह आनुवंशिक विकारों से पीड़ित हैं? साथ ही इसमें जाति, धर्म और आरक्षण की भी जानकारी मांगी गई है. एडमिशन फॉर्म में इस तरह के सवालों से खट्टर सरकार एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर है.
एडमिशन फॉर्म में इस तरह के सवालों से अभिभावक हैरान भी हैं और परेशान भी. बच्चों और उनके माता-पिता को आधार कार्ड में दर्ज नाम ही फॉर्म में लिखना है. साथ ही फॉर्म में आधार कार्ड नंबर भी लिखने को कहा गया है. इतना ही नहीं, छात्रों और अभिभावकों के बैंक अकाउंट की जानकारी, पैन कार्ड डिटेल, आधार नंबर, उनका पेशा और शैक्षिक योग्यता के बारे में भी पूछा गया है. एक तरह से इस फॉर्म में आधार डिटेल को अनिवार्य कर दिया गया है. छात्रों के माता-पिता से एडमिशन फॉर्म में कुल 100 तरह की जानकारी मांगी गई है. स्कूल प्रशासन ने बताया कि स्कूल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के तहत यह जानकारियां मांगी जा रही हैं.
BREAKING! Khattar Govt does it again. Students labelled as 'untouchables' & their parents occupation as 'unclean'.
Govt,taking a cue from NaMo App, issues a 100 pointer student admission form.
Since when has Aadhar become mandatory for school admission?https://t.co/1l66WlN4ez pic.twitter.com/1IC9JXTUUS— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 10, 2018
खट्टर सरकार द्वारा एडमिशन फॉर्म में इस तरह की जानकारी मांगे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘खट्टर सरकार ने फिर वही किया. छात्रों के एडमिशन फॉर्म में उन्हें ‘अछूत’ और उनके माता-पिता के पेशे को ‘अशुद्ध’ रूप में चिन्हित किया है. ‘नमो ऐप’ से प्रभावित होकर हरियाणा सरकार द्वारा 100 पॉइंटर का स्टूडेंट एडमिशन फॉर्म जारी किया गया है. कब से आधार स्कूल में प्रवेश के लिए अनिवार्य बन गया है? हकीकत में ये छात्रों और उनके माता-पिता की निगरानी करने जैसा है. जिस तरह से उनकी व्यक्तिगत सूचना मांगी जा रही है, ये पागलपन की हद है. मां-बाप के पेशे को अस्वच्छ कहना बहुत ही बेतुका है. निगरानी करना बीजेपी के डीएनए में शामिल है.’
Surveillance is the DNA of BJP
Khattar Govt issues a 100 point Students Admission Form. It is really a Surveillance of Parents/Students Form
Height of insanity is the kind of pvt info of parents being sought.Calling vocation of parents unclean is absurdhttps://t.co/1l66WlN4ez
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 10, 2018
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने मांग की है कि राज्य शिक्षा विभाग यह आदेश फौरन वापस ले और हरियाणा सरकार बच्चों के माता-पिता से माफी मांगे. अपने बच्चे का एडमिशन करा रहे एक पिता ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि बच्चों से उनकी जाति, धर्म, आरक्षण और बैंक अकाउंट के बारे में सवाल किया जा रहा है. आखिर स्कूल छात्रों के बैंक अकाउंट की डिटेल, उनके माता-पिता की डिटेल, आधार कार्ड की डिटेल पता करके क्या करना चाहते हैं?
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