जम्मू-कश्मीर में युद्ध जैसे हालात, उरी की घटना से पहले हो चुके हैं 6 बड़े हमले

जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले की यह कोई पहले घटना नहीं है. इससे पहले भी कुछ-कुछ अंतराल पर यहां आतंकी हमले होते रहे हैं. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने इस बात की जानकारी दी.

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जम्मू-कश्मीर में युद्ध जैसे हालात, उरी की घटना से पहले हो चुके हैं 6 बड़े हमले

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  • September 18, 2016 6:48 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना की इंफैंट्री बटालियन पर हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले में सात आतंकियों को मार गिराया गया है. राज्य में हुए आतंकी हमले के चलते गृहमंत्री राजनाथा सिंह ने अपना अमेरिका और रूस दौरा भी रद्द कर दिया है.
 
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जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले की यह कोई पहले घटना नहीं है. इससे पहले भी कुछ-कुछ अंतराल पर यहां आतंकी हमले होते रहे हैं. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने राज्यसभा में कहा, ‘इस साल भारत-पाकिस्तान सीमा से कश्मीर में घुसपैठ की वारदातें बड़ी हैं.’ उन्होंने बताया कि जून तक घुसपैठ की 90 घटनाएं हुए हैं जबकि 2015 में यह आंकड़ा 29 तक था. 
 
पुंछ हमला 
हाल ही 11 सितंबर में पुंछ में आतंकियों और भारतीय सेना में मुठभेड़ हुई थी. तीन दिन चली इस मुठभेड़ में सेना ने सात आतंकियों को मार गिराया था. इससे पहले तीन आतंकी मिनी सचिवालय की इमारत में घुस आए थे. इस हमले में दो कॉन्स्टेबल, सेना के दा जवानों, दो पुलिसकर्मी और एक नागरिक मारे गए थे. 
 
पुलवामा हमला
आतंकियों ने 9 सितंबर को पुलवामा जिले में सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था. सुरक्षाकर्मियों की ओर से जवाबी कार्रवाई होने पर आतंकी भाग खड़े हुए थे. यह चार दिनों में जिले में दूसरा हमला था. 
 
ख्वाजा बाग हमला
स्वतंत्रता दिवस के दो दिन बाद ही हिजबुल मुजाहिदीन ने श्रीनगर-बारामुला हाइवे के पास सेना के एक काफिले पर हमला कर दिया था. इस हमले में आठ लोग मारे गए थे और 22 घायल हुए थे. आंतकी समूह के प्रवक्ता ने सरकार को भविष्य में ऐसे और हमले होने की धमकी दी थी. स्वतंत्रता दिवस पर श्रीनगर में नोहाट्टा में हुए एक हमले में सीआरपीएफ कमांडेंट की जान चली गई थी. इसमें दो आतंकी मारे गए थे. 
 
कुपवाड़ा हमला 
जुलाई में भारतीय सेना ने एलओसी के पास कुपवाड़ा जिले में घुसपैठ की एक घटना को नाकाम किया था. इसमें सेना के एक जवान की जान चली गई थी. सेना की तरफ से जबरदस्त फायरिंग होने से आतंकी भागने पर मजबूर हो गए थे. 
 
पंपोर हमला
जून में पंपोर के पास श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में आठ जवान शहीद हो गए थे और 20 घायल हो गए थे. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तयैबा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक तीन से चार आतंकियों ने सुरक्षा बलों को भारी क्षति पहुंचाने के मकसद से काफिले पर हमला किया था.
 
अनंतनाग हमला
4 जून को दो आतंकियो ने अनंतनाग शहर में एक पुलिस चेक-पोस्ट पर हमला किया था. इसमें एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और पुलिस कॉन्स्टेबल शहीद हो गए थे. इससे पहले 3 जून को हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों ने बिजबेहरा में बीसीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे.
 
पंजाब के पठानकोट एयरबेस हमला
जनवरी में हुआ पठानकोट एयरबेस हमला खासा चर्चित हुआ था. इसमें भारी हथियारों से लैस जैश-ए-मोहम्मद के छह आतंकियों ने पंजाब में पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया था. यह ​हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध मजबूत करने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ अघोषित मुलाकात के बाद हुआ था. इसमें सेना के छह जवान शहीद हो गए थे.  उस समय जानकारी मिली थी कि पठानकोट के बाद यहां से आतंकी जम्मू में घुसने वाले थे. 

 

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