नई दिल्ली. मुकेश अंबानी की Reliance Jio अब 1 अक्टूबर को होने वाली स्पेक्ट्रम की बड़ी नीलामी में भी एयरटेल-वोडाफोन जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीच हाहाकार मचाने वाली है. 7 कंपनियों ने नीलामी के लिए जमानत के पैसे के तौर पर करीब 15 हजार करोड़ जमा कराए हैं जिसमें अकेले Jio ने 6500 करोड़ डाले हैं.
स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रिलायंस जिओ की तरफ से 6500 करोड़ रुपये की अग्रधन राशि यानी जमानत राशि जमा कराने से पूरी इंडस्ट्री हैरान है. ये जमानत राशि एयरटेल-वोडाफोन और आयडिया के द्वारा जमा की गई कुल जमानत राशि के लगभग बराबर है.
रिलायंस के तेवर से प्राइस-वार से पहले ही परेशान कंपनियों की चिंता बढ़ी
रिलायंस की तरफ से इतनी बड़ी राशि जमानत के तौर पर जमा कराने का मतलब इंडस्ट्री में यह लगाया जा रहा है कि कंपनी जिओ के लिए बड़े पैमाने पर स्पेक्ट्रम खरीदेगी और बोली में किसी भी कंपनी से पीछे नहीं रहेगी. जिओ के इस तेवर से प्राइस-वार को लेकर पहले ही परेशान कंपनियों की चिंता और बढ़ गई है.
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जिओ के 6500 करोड़ के अलावा वोडाफोन ने 2800 करोड़, आयडिया ने 2000 करोड़ और एयरटेल ने 1900 करोड़ जमानत के तौर पर जमा करा दिया है. खबर है कि टाटा ने 1000 करोड़, अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन्स ने 313 करोड़ और एयरसेल ने 120 करोड़ जमा कराए हैं.
सरकार इस बार 700, 800, 900, 1800, 2100 और 2800 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम नीलाम कर रही है. अगर सारे स्पेक्ट्रम बिक जाते हैं तो सरकार 5 लाख करोड़ से ज्यादा भी कमा सकती है. लेकिन इंडस्ट्री में चल रही चर्चा के मुताबिक बहुत ज्यादा स्पेक्ट्रम इस नीलामी से निकल नहीं पाएगा.
केंद्र सरकार ने इस बजट में टेलिकॉम सेक्टर से 98995 करोड़ की कमाई का लक्ष्य रखा है जिसमें 64000 करोड़ स्पेक्ट्रम की नीलामी से आना है. सूत्रों के मुताबिक इस नीलामी में सरकार को रिजर्व प्राइस पर भी नीलामी होने की सूरत में 1.5 लाख करोड़ तक की कमाई हो सकती है.