रियो. एक ओर जहां 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद किसी खिलाड़ी को ओलंपिक में शामिल होने का मौका मिलता है. वहीं भारत के सुंदर सिंह गुर्जर रियो में चल रहे पैरालिंपिक में तय समय पर मैदान में नहीं पहुंच पाए क्योंकि वे वार्मअप करने गए थे.
रियो में जिस रात देवेंद्र झाझरिया भारत को जेवेलिन थ्रो में गोल्ड दिलाया, उस रात एक और गोल्ड भारत को मिल सकता था लेकिन सुंदर सिंह के समय से मैदान में नहीं पहुंचने के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. सबसे बड़ी बात यह कि सुंदर सिंह का नाम कई बार पुकारा गया लेकिन वे नदारद रहे.
क्या है मामला?
सुंदर सिंह के कोच आरडी सिंह के मुताबिक सुंदर को तय समय पर कॉल रूम पहुंचना था लेकिन वे नहीं पहुंच पाए जिस वजह से उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया. कॉल रूम में खिलाड़ी को प्रतियोगिता से 2 घंटे पहले बुलाया जाता है, ताकि उससे पहले खिलाड़ी का यूरीन, ब्लड आदि लिया जा सके.