नई दिल्ली. दिल्ली सहित देश के कई इलाकों में चिकनगुनिया और डेंगू का कहर जारी है, लेकिन इस बार डेंगू से ज्यादा चिकनगुनिया ने लोगों को परेशान किया है. हालांकि कुछ ऐहतियात बरत कर इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. सबसे पहले इसके लक्षण को जानना जरूरी है.
चिगनगुनिया के लक्षण?
चिगनगुनिया आमतौर पर मच्छर के काटने से फैलता है. इसकी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि मच्छर के काटने के करीब 2 सप्ताह इसके लक्षण सामने आते हैं. इसमें बदन दर्द होगा, शरीर पर चकत्ते होंगे, लगातार बुखार रहेगा, सिर हमेशा भारी रहेगा, शरीर में कमजोरी बनी रहेगी, भूख नहीं लगेगी और सर्दी-जुकाम भी हो सकता है.
क्या करें?
जैसे ही इसके लक्षण दिखाई दे तो सबसे पहले बुखार की दवा लें और किसी अच्छे डॉक्टर से मिलें. दर्द की दवा ले सकते हैं. मच्छर से बचाने वाले दवा का छिड़काव करें. साफ शब्दों में कहें तो आपको मच्छर से एकदम दूर रहना होगा, क्योंकि यदि मच्छर ने किसी चिकनगुनिया के मरीज को काटा है और यदि उसने आपको भी काट लिया तो आप भी उसके चपेट में आ जाएंगे. आस-पास किसी भी सूरत में पानी इकट्ठा न होने दें. चिकनगुनिया मच्छर के साथ-साथ जानवरों, पशु-पक्षियों से भी फैलता है. इसलिए इनसे दूरी बना कर रहें.