नई दिल्ली. सोमवार को जारी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2011 की जनगणना में 10 से 14 साल की उम्र के लगभग 12.105 बच्चे तलाकशुदा थे. इसमें से 6,497 यानि की 53.67% आबादी लड़कियों की थी.
हालांकि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने ये साफ नहीं किया की जब हमारे देश में नाबालिग लड़कियों का विवाह गैर-कानूनी है तो इस गणना की कानूनी वैधता क्या है. फिर भी इस आकंडे से साफ पता चलता है कि अभी भी देश में बाल- विवाह की कुप्रथा मौजूद है.
महाराष्ट्र इस आंकड़े में पहले नंबर पर है. यहां 1,984 नाबालिग तलाकशुदा बच्चे हैं. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश 1,875 बच्चों के साथ और तीसरे पर 1,638 की संख्या के साथ गुजरात है. वहीं बंगाल में ये आंकड़ा 1,286 और बिहार में 801 है. चौंकाने वाली बात ये है कि देश में बाल विवाह की राजधानी माने जाने वाले राज्य राजस्थान में ये संख्या सिर्फ 366 है.
डायरेक्टरेट ऑफ सेंसस के ज्वायंट डायरेक्टर ए के सक्सेना ने बताया कि ये आंकड़े पूरी तरह फील्ड रिसर्च पर आधारित हैं. गणनाकारों ने घर-घर जाकर यह डाटा इकट्ठा किया है.