भारत ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी दमन का मामला UN मानवाधिकार काउंसिल में उठाया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया है. यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 33वें रेगुलर सेशन में पाकिस्तान के बयान के जवाब में भारत ने यह मामला उठाया है. भारत ने कहा कि बेहतर होगा कि पाकिस्तान अपनी ऊर्जा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार के हालात सुधारने में खर्च करे.

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भारत ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी दमन का मामला UN मानवाधिकार काउंसिल में उठाया

Admin

  • September 14, 2016 4:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली. भारत ने संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त में पहली बार बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के हाथों मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया है. यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल (UNHRC) के 33वें रेगुलर सेशन में भारत ने यह मामला उठाया है. 

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भारत ने कहा कि बेहतर होगा कि पाकिस्तान अपनी ऊर्जा मानवाधिकार के हालात सुधारने में खर्च करे. पाकिस्तान की पहचान लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी और बलूचिस्तान समेत पूरे देश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों से होती है.

UN में भारत के स्थाई प्रतिनिधि अजीत कुमार ने कहा कि उन्होंने यह साफ कर दिया कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा हैं . उन्होंने कहा कि सिर्फ पाकिस्तान की ओर से गैरकानूनी ढंग से कब्जा किए गए PoK हिस्से को खाली कराना बाकी है. अजीत कुमार के मुताबिक कश्मीर जैसे जुमले का प्रयोग बनावटी है. 
 
बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के खिलाफ दिए बयान के खिलाफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की असेंबली में प्रस्ताव पास हुआ है. यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गिया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएम मोदी के बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान पर दिए उनके बयानों की यह सदन कड़े शब्दों में निंदा करता है.
 
बता दें कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में बलूचिस्तान और PoK के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर सुनाया. पीएम ने कहा था कि पिछले कुछ दिनों में गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK वाले कश्मीर के लोगों ने मेरे प्रति डो सद्भावना जताई है उसके लिए मैं विशेष रूप से उनका अभिनंदन करना चाहता हूं. उन्होंने आगे कहा कि उस जमीन को मैंने कभी देखा नहीं है, लेकिन वहां के लोग मेरा जो आदर करते हैं तो यह मेरे देश का सम्मान है.
 
पाकिस्तान के जबरन कब्जे वाले बलूचिस्तान सूबे में बग़ावत की आग भड़क गई है. बलूचिस्तान के लोग दुनिया भर में जहां भी हैं, वहीं से आजादी के लिए आंदोलन कर रहे हैं और नवाज शरीफ की सरकार कश्मीर का राग अलापने के लिए 22 सांसदों को वर्ल्ड टूर पर भेज रही है.
 
जब से स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बलूचिस्तान की बात की है तब से बलूचिस्तान के लोगों का हौसला बुलंद हो गया है, लेकिन पाकिस्तान बौखला गया है क्योंकि पाकिस्तान 1948 से बलूचिस्तान पर अत्याचार कर रहा है. पाकिस्तान ने अब तक 19 हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया है जिनमें कई बलूच नेता भी शामिल हैं. बलूचिस्तान के 5 फीसदी हिस्से पर पाक का कब्जा है. 95 फीसदी पर कबीलाई लोगों का कब्जा है.
 
दो दिन पहले नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तानी कब्ज़े वाले कश्मीर में बयान दिया कि उन्हें उस दिन का इंतज़ार है जब जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन जाएगा. नवाज़ इस खामख्याली में ये भूल ही गए कि कश्मीर को हड़पने का सपना भी उन्हें तभी तक आएगा, जब तक पाकिस्तान बचा है. पाकिस्तान बचेगा कितने दिन, ये बड़ा सवाल है, जिसका जवाब नवाज़ के पास भी नहीं है.

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