जम्मू-कश्मीर में बाढ़ राहत के नाम पर मज़ाक हो रहा है. जम्मू के सरूरा गांव में दिए 47 रुपये से लेकर 378 रुपये के चेक बांटे गए हैं. मुसीबत का मजाक बनाने वाले इस मुआवजे से गांव वाले इतने खफा हैं कि उन्होंने ज्यादातर चेक वापस कर दिए हैं. जम्मू कश्मीर के कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक उन्होंने मुआवजे के तौर पर वही रकम दी है जो उन्हें राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत केंद्र सरकार से मिली है.
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बाढ़ राहत के नाम पर मज़ाक हो रहा है. जम्मू के सरूरा गांव में दिए 47 रुपये से लेकर 378 रुपये के चेक बांटे गए हैं. मुसीबत का मजाक बनाने वाले इस मुआवजे से गांव वाले इतने खफा हैं कि उन्होंने ज्यादातर चेक वापस कर दिए हैं. जम्मू कश्मीर के कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक उन्होंने मुआवजे के तौर पर वही रकम दी है जो उन्हें राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत केंद्र सरकार से मिली है.
ग्रामीणों के मुताबिक 2014 के सिंतंबर में आई बाढ़ के दौरान उनकी फसल और जमीन बरबाद हो गई थी. इसीलिए कुछ हफ्तों पहले कृषि विभआग के कुछ अधिकारी बरबादी का मुआयना करने उनके गांव आए थे. इसके बाद उन्होंने गांव के सरपंच के हाथों 25 चेक दिए. उस वक्त ग्रामीण चौंक गए जब उन्हें पता चला कि उन्हें 47, 80, 94, 113 और 378 रुपए तक के चेक मिले हैं.
कुछ ग्रीमीणों ने अपने साथ हुए इस मजाक पर गुस्से में आकर कृषि विभाग को चेक भी लौटा दिए. अब ग्रामीण सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. जम्मू के कृषि निदेशक डॉक्टर एसएस जामवाल ने बताया, ”ये चेक एनडीआरएफ की नीतियों के अनुसार ही दिए गए हैं. जिसके अनुसार बरबाद हुई एक कनाल जमीन के 240 रुपए ही दिए जाएंगे. मुआवजे का यह पैसा केंद्र सरकार से ही आया है.”
IANS