वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने अपने बेटे वकील प्रशांत भूषण की मदद से ये जनहित याचिका दाखिल कराई है. उनके बेटे ने शीर्ष अदालत के सेक्रटरी जनरल को एक खत लिखकर कहा है कि ये याचिका प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के आगे सूचीबद्ध नहीं की जानी चाहिए.
नई दिल्ली.वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने मामलों के आवंटन को लेकर सिद्धांत बनाए जाने की मांग रखी है. भूषण ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से जनहित याचिका को सीजेआई के सामने सूचिबद्ध नहीं करने को कहा है. उन्होंने कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके रोस्टर के मास्टर के तौर पर देश के प्रधान न्यायाधीश के प्रशासनिक अधिकार को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है.
खबर है कि शांति भूषण ने अपने बेटे वकील प्रशांत भूषण के जरिए ये जनहित याचिका दायर कराई है. प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के सेक्रटरी जनरल को एक पत्र भी लिखकर कहा है कि यह याचिका प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सूचीबद्ध नहीं की जानी चाहिए. दूसरी ओर खबर आई थी कि बजट सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल सी जे आई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग ला सकती है. इसको लेकर कांग्रेस और अन्य पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं.
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी. जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस कूरियन जोसेफ और जस्टिस मदन लोकुर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे थे. जजों का कहना था कि चीफ जस्टिस अपने 4 सबसे वरिष्ठ जजों की बात भी नहीं सुनते हैं और मनमर्जी करते हैं. ये इतिहास में पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने एक साथ किसी मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेस की हो.
Senior Supreme Court lawyer Shanti Bhushan approached the Supreme Court seeking to regulate the power of Chief Justice of India, who is the 'master of the roster'and allocates hearing of cases to different courts. (File pic) pic.twitter.com/JpM3V8m2o9
— ANI (@ANI) April 6, 2018
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