नई दिल्ली. दुनिया में बहुत कुछ ऐसा होता है जो हैरान करता है, हर किसी को सोचने पर मजबूर करता है, क्योंकि कई बार हजारों साल पहले की ऐसी सच्चाई हमारे और आपके सामने आती है जो वाकई सोचने पर मजबूर करती है कि क्या ऐसा भी होता है.
धार्मिक ग्रंथों में रामायण का इतिहास 7 हजार साल पुराना मिलता है. जब राम-रावण के बीच लंका में भीषण युद्ध हुआ था, इस युद्ध में रावण का अंत हो गया. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे सबूत सामने आते हैं जिन्हें देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि रामायण एक ऐतिहासिक घटना थी. आज जब आप लंका में मौजूद रामायण के वो रहस्य जानेंगे तब यही कहेंगे, क्या वाकई ऐसा भी होता है.
रामायण के युद्ध को सात हजार साल से ज्यादा बीत चुके हैं, तो क्या वहां अब भी रामायण के सबूत हासिल हो सकते हैं. क्या उस युद्ध के निशान आज भी लंका की धरती ने संजोकर रखे हुए हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि मन्नार के इलाके में दिव्यास्त्रों की गरमी जमीन में समाई हुई है. लिहाजा जब भी इस इलाके में बारिश होती है तो जमीन से सफेद भाप भी निकलने लगता है.
स्थानीय लोगों का मानना है कि ये भाप असल में रामायण के युद्ध के दौरान इस्तेमाल हुए दिव्यास्त्रों का ज़िंदा सबूत है. इस इलाके को छोड़ दें तो पूरे लंका में आपको ये अद्भुत मंजर देखने को नहीं मिलेगा, यही वजह है कि हर कोई ये देखकर यही कहता है, ऐसा भी होता है.
इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम ऐसा भी होता है में देखिए लंका में रामायण के सबूत.