Ishq Mein Marjawan 4 April 2018 Full Episode Written Updates: सुनंदा दीप को आरोही को जान से मारने के लिये भेजती है वो जानती है कि दीप आरोही से अब भी प्यार करता है और वो उसे नही मारेगा जिसके बाद वो अपने बेटे बिराज को भी दीप के पीछे भेज देती है कि जैसे ही दीप आरोही और निक्कू को मारे वो दीप को मार दे, लेकिन आरोही को ये पता चल जाता है और वो दीप को बचाने के लिये दीप के पीछे जाती है.
नई दिल्ली: सुनंदा से आदेश लेकर भारी मन से दीप आरोही और उसके भतीजे को जान से मारने निकलता है. दीप आरोही के साथ बिताए अपने एक एक पल को याद करता है. वहीं विराज अपनी मां से कहता है कि उसने मुशक्लि से आरोही को ढूंढा और वो उसे मारने का मौका दीप को दे दिया. पृथ्वी सुंनदा से कहता है कि दीप के मन में आरोही के लिये अब भी प्यार है ऐसे में वो कभी भी आरोही को नही मारेगा.
सुनंदा पृथ्वी की इस बात पर विराज को एक बंदूक देती है और कहती है कि वो आरोही और निक्कू के साथ दीप को भी जान से मार दे. सुनंदा का पति ये सारी बात सुन लेता है और आरोही से कहता है कि वो दीप को बचा ले कि तभी आरोही विराज को ये कहते सुन लेती है कि वो आज दीप को जान से मार देगा. आरोही भले ही दीप से नफरत करती है लेकिन वो चाहती है कि दीप की मौत सिर्फ उसी के हाथ से हो. कोई नही जानता की जो विराज दीप और सुनंदा आरोही को मारने का मन बना चुकी है वो आरोही नही बल्कि असली तारा ही है.
दीप उस जगह पहुंचता है जहां असली तारा निक्कू के साथ होती है दीप के कहने पर तारा बाहर आती है लेकिन जैसे ही दीप बंदूक से उसे मारने के लिये आगे बढ़ता है वो उसे हर वो बात याद दिलाती है जो सिर्फ दीप और तारा के बीच हुई थी वो कहती है कि वो ही असली तारा है लेकिन इतने में ही पीछे से आरोही आ जाती है और दीप को समझाती है कि वो तारा है लेकिन तारा कहती है कि वो खुद अपने हाथ से निक्कू को मार कर ये साबित कर देगी की वो आरोही नही तारा है.
लेकिन जैसे ही तारा निक्कू को मारने जाती है वो उसकी कैद से भाग चुका होता है. निक्कू को भागता देख तारा उसके पीछे भागती है लेकिन तभी विराज भी वहां पहुंच जाता है और निक्कू को पीछे से गोली मार देता है. वहीं असली तारा को आरोही समझ दीप भी उसपर गोली चला देता है. इश्क में मर जांवा के अब तक के खेल में आज का शो कुछ ज्यादा ही अहम है कारण अगर तारा की मौत हो जाती है तो आरोही अब खुल कर घर में अपने बदले का खेल खेल सकेगी तो वहीं अगर विराज की गोली से निक्कू नही बचा तो आरोही के जीने का एकमात्र सहारा भी नही रहेगा.