गांधीनगर. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल को देश भर में लागू करने की बात कही थी. लेकिन, राज्य में मौजूदा बेरोजगारी की स्थिति गुजरात मॉडल का एक अलग पहलू सामने लाती है.
गुजरात में बेरोजगारी की मार झेल रहे उच्च योग्यता प्राप्त लोग 12वीं पास योग्यता की नौकरी तक करने को मजबूर हैं. उन्हें अपनी योग्यता के अनुसार नौकरियां ही नहीं मिलती.
टाइम्स आॅफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक श्रेणी 3 के तलाति (ग्रामीण अधिकारी) के लिए चुने गए 2343 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा संख्या पोस्ट ग्रेजुएट, एमबीए, इंजीनियर, आयुर्वेद व होम्योपैथी डॉक्टर और लॉ ग्रेजुएट की है. जबकि इस पद के लिए न्यूनतम 12वीं पास योग्यता की जरूरत होती है.
10 लाख लोगों ने किया आवेदन
आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि चुने गए 2343 उम्मीदवारों में 950 इंजीनियर, 12 आयुर्वेद एव होम्योपैथी डॉक्टर और 200 एमबीए, एमसीए व बीफार्मा डिग्री धारक हैं. इनमें शायद ही ऐसा कोई उम्मीदवार है, जो ग्रेजुएट न हो. हैरानी वाली बात यह भी है कि तलाती के 2560 पदों के लिए 10 लाख लोगों ने आवेदन किया था.
नौकरी के लिए चुने गए अधिकतर उच्च योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों का कहना है कि उन्होंने तलाती पद के लिए इसलिए आवेदन किया क्योंकि उनकी योग्यता के अनुरूप सरकारी या निजी क्षेत्र में कहीं नौकरियां ही नहीं हैं. हालांकि, वे अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी तलाशते रहेंगे लेकिन जब तक नहीं मिलती, तो यही पर काम करेंगे.