नई दिल्ली. रिलायंस जिओ द्वारा सस्ते दामों पर उपलब्ध कराये जाने वाले इंटरनेट से ज्यादा फ्री वॉइस कॉल्स अन्य सेल्युलर ऑपरेटर्स के लिए गले की हड्डी बन गयी है. इसके खिलाफ सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने सरकार से गुहार भी लगाईं है.
इस सम्बन्ध में आज रिलायंस जिओ, वोडाफ़ोन, भारती एयरटेल और आईडिया जैसे सर्विस प्रोवाइडर की मुलाक़ात ट्राई के साथ हुई. इस मुलाक़ात से सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया को बाहर ही रखा गया. इस मुलाक़ात के बाद रिलायंस जिओ के इंफोकॉम बोर्ड मेंबर महेंद्र नहाता ने बताय कि ‘यह भारतीय उपभोक्ताओं की लड़ाई है. यह लड़ाई आइडिया, एयरटेल या वोडाफोन के उपभक्ताओं की लड़ाई है.’
दरअसल सीओएआई ने रिलायंस जिओ के ऑफर्स को प्रतिस्पर्धा रोधक बताते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था. जिसमे उन्होंने लिखा था कि वह फ्री कॉल्स को संभालने की स्थिति में नहीं है. वहीं आज की मुलाक़ात में रिलायंस की ओर से कहा गया कि अन्य ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे इंटरकनेक्शन पोर्ट्स की संख्या तय मानकों से कम है. जिसके चलते उन्हें फ्री कॉल्स की सुनामी का डर सता रहा है.
रिलायंस का इस सम्बन्ध में कहना है कि उनका विरोध कर रही कम्पनियां आने वाली कॉल्स को इंटरकनेक्टिविटी यानि के मार्ग देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है. लेकिन ऐसा ना होने के चलते देश की मुख्य तीन सर्विस प्रोवाइडर्स पर जिओ से आने वाले कॉल्स में से 65 % ड्राप हो रही हैं.