पुणे. महाराष्ट्र के पिंपरी जिले में रहने वाले भाई-बहन एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसका कोई इलाज ही नहीं. इन बच्चों को एक अजीब बीमारी है, जिसमें त्वचा सांप की खाल की तरह दिखने लगती है.
इन बच्चों को ‘लामेल्लार इचथ्योसिस’ नाम की बीमारी है. 13 साल की सयाली और 11 साल का सिदार्थ जब पैदा हुए थे, तो नर्स ही उन्हें देखकर हैरान रह गई थी. माता-पिता के लिए उनका इलाज कराना मुश्किल हो गया था. बेटी को निजी अस्पताल ले जाकर किसी तरह बचाया गया था.
ये बच्चे और उनके माता-पिता न सिर्फ बीमारी से परेशान हैं बल्कि उन्हें लोगों की सवाल और घृणा भरी नजरों का भी सामना करना पड़ता है. बच्चों की मां बताती हैं कि उनके बड़े होने के साथ उनके दाग गहरे होते गए. फिर इस बीमारी के कारण बच्चों को स्कूल में एडमिशन भी नहीं मिला.
लोग इन बच्चों को देखकर डरने लगते हैं. उन्हें लगता है कि बच्चों को छूआछूत की बीमारी है और वो इनके नजदीक आने से डरते हैं. इन्हें भूत और चुड़ेल तक कहते हैं. अब ये बच्चे सिर्फ दवाई पर जिंदा हैं, जिसका खर्च उठाना इनके मां-बाप के लिए बहुत मुश्किल पड़ता है.
इन बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि ये बीमारी आनुवांशिक है और जन्म के साथ ही हो जाती है. बच्चों के माता-पिता में म्यूटेटेड जीन के न होने के कारण बच्चों में यह रोग हो जाता है. सामान्य इंसान की तरह इस बीमारी से पीड़ित लोगों की त्वचा बदलती नहीं है और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जमा हो जाती है. इसके बाद त्वचा फटने लगती है और खून निकलने लगता है. सिर के बाल भी गिरने लगते हैं. इसमें दर्द होता है और हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं.