राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक प्रोफेसर राकेश सिन्हा को नोएडा पुलिस ने दलित प्रदर्शनकारी समझ हिरासत में ले लिया. उस वक्त वो एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेने दफ्तर जा रहे थे. राकेश सिन्हा ने मीडिया को बताया कि वो एक पैनल डिस्कसन के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
नई दिल्ली. यूपी पुलिस की कार्यशैली पर पहले भी कई बार सवाल उठते रहे हैं. लेकिन 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान एक आरएसएस नेता की गिरफ्तारी को लेकर यूपी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. बता दें कि आरएसएस के विचारक प्रोफेसर राकेश सिन्हा को नोएडा पुलिस ने दलित प्रदर्शनकारी समझ उस समय हिरासत में ले लिया जब वो एक न्यूज चैनल से डिबेट में हिस्सा लेकर निकल रहे थे. राकेश सिन्हा ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी.
राकेश सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा ‘नॉएडा पुलिस @CNNnews18 studio के गेट sho अनिल कुमार शाही के नेतृत्व में ज़बरन पुलिस गाड़ी में बैठाकर ले गयी. उनका व्यवहार अशोभनिय था. धमकी भरा था. भीड़ जुटने पर 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा. बाद में सफ़ाई दी मुझे दलित ऐक्टिविस्ट समझ बैठे.’ राकेश सिन्हा ने मीडिया को बताया कि वो सीएनएन न्यूज के एक पैनल डिस्कसन के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें जीप में डाल दिया गया जहां आठ पुलिसकर्मी थे.
नॉएडा पुलिस @CNNnews18 studio के गेट sho अनिल कुमार शाही के नेतृत्व में ज़बरन पुलिस गाड़ी में बैठाकर ले गयी .उनका व्यवहार अशोभनिया था .धमकी भरा था .भीड़ जुटने पर 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा.बाद में सफ़ाई दी मुझे दलित ऐक्टिविस्ट समझ बैठे @myogiadityanath @narendramodi
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) April 2, 2018
राकेश सिन्हा ने बताया कि उन्हें दलित प्रदर्शनकारी समझ कर नोएडा पुलिस ने हिरासत में लिया था. सिन्हा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें मानवाधिकार और व्यक्ति के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए. बता दें कि 2 अप्रैल, सोमवार को कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आवाह्न किया था.
एससी/एसटी एक्ट: दलित IPS अधिकारी बीपी अशोक ने वर्तमान परिस्थितियों से आहत होकर दिया इस्तीफा
SC/ST एक्ट: सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध करेगी मोदी सरकार