वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में हुआ था दो बार टॉस, यह थी वजह

आज से ठीक 7 साल पहले वर्ष 2011 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्‍व में विश्व कप जीता था. भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद विश्व कप जीता था.

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वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में हुआ था दो बार टॉस, यह थी वजह

Aanchal Pandey

  • April 2, 2018 11:14 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. भारत ने 2 अप्रैल, 2011 के दिन वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को 6 विकेट से मात देकर दूसरी बार विश्व कप के खिताब पर अपना कब्जा जमाया था. जब भी इस दिन का जिक्र आता है तो सभी क्रिकेट फैंस के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. आज से ठीक 7 साल पहले वर्ष 2011 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्‍व में विश्व कप जीता था. भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद विश्व कप जीता था. ये सब बातें तो आप सभी लोग जानते होंगे, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसे बेहद कम लोग जानते होंगे. दरअसल विश्व कप फाइनल मुकाबले में दो बार टॉस हुआ था. ये बात बिल्कुल सच है. फाइनल मैच में एक नहीं बल्कि दो-दो बार टॉस का सिक्का उछाला गया था.

2011 विश्व कप फाइनल में इस कारण हुआ था 2 बार टॉस
वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था. टॉस के लिए 2011 में भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा, कॉमेंटेटर रवि शास्त्री और मैच रेफरी जैफ क्रो मौजूद थे. सिक्का उछालने के लिए महेंद्र सिंह धोनी को दिया गया. श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने अपनी इच्छा मांगी. सिक्का जमीन पर गिरा. लेकिन टॉस कौन जीता, इसका पता नहीं चल पाया. ऐसा इस कारण हुआ था क्योंकि कुमार संगकारा ने हेड्स मांगा या टेल्स यह पता ही नहीं चला. इस बात को लेकर दोनों कप्तानों के बीच कन्फ्यूजन हो गया. महेंद्र सिंह धोनी और कुमार संगकारा के बीच कुछ पलों तक बातचीत हुई. फिर मैच रेफरी जैफ क्रो ने दोबारा टॉस कराने का निर्णय किया. जिसके बाद अंत में दोबारा टॉस किया गया और दूसरी बार कुमार संगकारा ने हेड कहा और श्रीलंका टॉस जीत गया और उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. जब टेलीविजन रिप्ले में दिखाया गया कि कुमार संगकारा ने पहली बार हुए टॉस में ‘हेड्स’ कहा था लेकिन धोनी को लगा था कि संगकारा ने ‘टेल्स’ कहा था इसीलिए उन्होंने टॉस जीता हुआ समझकर शास्त्री से पहले बल्लेबाजी की बात कही थी.

फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए महिला जयवर्धने की शानदार शतकीय पारी (103) की बदौलत 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत ने गंभीर (97) और महेंद्र सिंह धोनी (91) की दमदार पारियों की मदद से 10 शेष रहते ही मैच छह विकेट से जीत कर विश्व कप के खिताब पर कब्जा जमाया था.

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