गुजरात में एक दलित युवक की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गयी क्योंकि वह घुड़सवारी का शौकीन था. उसकी जाति इस शौक पर जानलेवा साबित हुई. मृतक टिम्बी जाति का था जिनकी जनसंख्या करीब 5000 है जिनमें से अधिकतर दरबार और क्षत्रिय हैं. गुजरात में पहले भी जातिवाद के ऐसे उदाहरण सामने आते रहे हैं. एक युवक को मूंछें रखने की वजह से पीटा गया था.
अहमदाबाद. गुजरात के भावनगर जिले में एक 21 साल के दलित युवक ही हत्या का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि दलित युवक की हत्या सवर्ण समुदाय के लोगों ने सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसे घुड़सवारी का शौक था. यह शौक स्थानीय सवर्णों को पसंद नहीं था. उसने अपने शौक की वजह से पिता से जिद करके एक घोड़ा खरीदवा लिया था. यह घुड़सवारी का शौक ही उसके लिए जानलेवा साबित हुआ. मृतक युवक का नाम प्रदीप राठौड़ था.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदीप राठौड़ घोड़े पर बैठकर खेत से घर लौट रहा था. तभी उसकी हत्या कर दी गई. मृतक के परिवार ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस पर दबाव बनाए जाने के बाद उमराला पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मृतक के परिवार ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में लिखा है कि जब उन्होंने प्रदीप के लिए 30 हजार रुपये में घोड़ा खरीदा तब नाटुभा दरबार और उसके दोस्तों ने उन्हें धमकी दी थी. प्रदीप लंबे समय से अपने पिता घोड़ा लेने की जिद कर रहा था. प्रदीप के पिता कालुभाई राठौड़ ने बताया कि उन्होंने करीब चार महीने पहले अपने बेटे के लिए घोड़ा खरीदा था. करीब एक सप्ताह पहले उनके परिवार को धमकी मिली थी. पुलिस ने नाटुभा दरबार और दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.
मृतक के पिता के मुताबिक, उन लोगों ने धमकी दी थी कि दलितों को घुड़सवारी नहीं करनी चाहिए. टिम्बी और आसपास के इलाकों में किसी दलित के पास घोड़ा नहीं है. लेकिन प्रदीप का घुड़सवारी का शौक उसकी जान ले बैठा.
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