वीडियो: बच्चे के लिए हाथियों ने खतरे में डाली अपनी जान, बचाने की कोशिश में जुटे लोग

ओडिशा में वैतरणी नदी के एक द्वीप पर अपने बच्चे को बचाने आया हाथियों का झुंड फंस गया है. इलाके में भारी बारिश हो रही है. बैतरणी नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है. अब टापू के पास के स्थानीय लोग दिन-रात ​नदी पार करके हाथियों को खाना पहुंचा रहे हैं.

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वीडियो: बच्चे के लिए हाथियों ने खतरे में डाली अपनी जान, बचाने की कोशिश में जुटे लोग

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  • September 6, 2016 6:41 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. ओडिशा में वैतरणी नदी के एक द्वीप पर अपने बच्चे को बचाने आया हाथियों का झुंड फंस गया है. इलाके में भारी बारिश हो रही है. बैतरणी नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है. अब टापू के पास के स्थानीय लोग दिन-रात ​नदी पार करके हाथियों को खाना पहुंचा रहे हैं.
 
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यह द्वीप क्योंझर जिले में आता है और हाथियों के वहां पर मयूरभंज जिले के सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान से आने का अनुमान लगाया जा रहा है। केंदुझार प्रभागीय वन अधिकारी के मुताबिक अभ्यारणय से हाथियों का यह झुंड पटना वन रेंज में भटक गया था. रविवार को वापस लौटते हुए हाथी का एक बच्चा तेज करंट लगने से नदी में बह गया. हाथियों ने अपनी सूंडों को जोड़कर बच्चे को उठाया और उसे नदी के किनारे से 20 फीट दूर ले गए. लेकिन, वहां  घुटने से ऊपर पानी होने के कारण हाथी फंस गये.
 
इन हाथियों के फंसे होने का पता चलने पर टापू के पास के स्थानीय लोग और वन अधिकारी हाथियों को बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक हाथी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के कारण किनारे पर भी जाने से डर रहे थे. अब स्थानीय लोग दिन रात नदी पार करके भूखे हाथियों को धान की बोरियां और नारियल पहुंचा रहे हैं. 
 
अधिकारियों के अनुसार ओडिशा में हाथियों का जीवन खतरों से भरा है. उनका अक्सर इंसानों से आमना-सामना होता रहता है. इसके साथ ही उन्हें अवैध शिकार, करंट लगने, ट्रेन के नीचे आने और कुंए में गिरने का खतरा भी बना रहता है. राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंदुझार में साल 2002 में 114 हाथी थे, जो अब सिर्फ 47 रह गए हैं.

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