नई दिल्ली. जहर खा कर आत्महत्या की कोशिश करने वाली मशहूर हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी का विवादों से पुराना नाता रहा है. सपना चौधरी एक रागिनी के कारण विवादों में आई थी. दरअसल 17 फरवरी 2016 को गुड़गांव के चक्करपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने रागनी ‘बिगड़ग्या’ गया था.
इस रागिनी में उन्होंने जातिसूचक शब्द कहे थे और दलितों पर सवाल उठाया था. यहीं से सारा मामला शुरू हुआ था. उनके गीत पर दलित समाज ने कड़ी आपत्ति जताई थी. दलित समाज का कहना था कि पूरी जाति को ‘बावला’ कहकर अपमानित किया है. इतना ही नहीं इस गीत के बोल पर आपत्ति जताते हुए बहुजन आजाद मोर्चा ने हिसार में डोगरान मोहल्ला स्थित चौकी में शिकायत भी दर्ज कराई थी.
बहुजन आजाद मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष संजय चौहान ने इस बारे में बताया कि सपना ने गीत के माध्यम से दलित कौम का अपमान किया है. उन्होंने आगे बताया कि सपना ने उसी जाती का अपमान किया जिस से वह संबंध रखती हैं. इसके बाद उनके खिलाफ गुड़गांव में सेक्टर-29 के थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
यह शिकायत सामाजिक संगठन निगाहें के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतपाल तंवर ने की थी.
इस एफआईआर पर कार्यवाही करते हुए सपना और उनकी मंडली के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित आईपीसी की धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा जांच के लिए एक एसआईटी टीम का भी गठन किया गया था. इसके बाद हरियाणवी म्यूजिक कम्पनी मोर म्यूसिक ने सपना चौधरी से संबंध खत्म कर लिया था.
इस बारे में मोर म्यूजिक कम्पनी ने पत्रकारों को जानकारी दी थी और इसके चालक राजेश मोर ने बहादुरगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए बताया था कि कम्पनी ने मोर म्यूसिक के गानो पर सपना के डांस किये जाने पर भी बैन लगा दिया था. इसे लेकर सपना ने माफ़ी मांग ली थी लेकिन फेसबुक पर जैसे सभी उनके खिलाफ हो गए थे.
फेसबुक पर बड़ी संख्या में लोग उन पर भद्दी टिपण्णियां कर रहे थे. इसी से आहत हो कर सपना ने जहर खा कर जान देने की कोशिश की. सपना का इलाज नजफ्फगढ़ के एक अस्पताल में चल रहा है जहां उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.