श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में भीड़ पर काबू पाने के लिए अब पेलेट गन की जगह मिर्ची ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जाएगा. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मिर्ची ग्रेनेड के इस्तेमाल पर शनिवार को मंजूरी दे दी है. कुछ समय से पेलेट गन के इस्तेमाल पर यह शिकायत आ रही थी कि इसकी वजह से कई लोगों को अपनी आंखों की रोशनी गंवानी पड़ रही है.
सरकार द्वारा मिर्ची ग्रेनेड के इस्तेमाल को मंजूरी देने के बाद अब कश्मीर में गंभीर परिस्थितियों में भड़की भीड़ पर काबू पाने के लिए पेलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस मिर्ची ग्रेनेड को पेलार्गोनिक एसिड वेनिलाइल एमाइड (पावा) शेल भी कहा जाता है. सरकार द्वारा मंजूरी के बाद रविवार को करीब 1,000 पावा शेल कश्मीर भेज दिए जाएंगे. इन मिर्च के ग्रेनेड का निर्माण ग्वालियर में बीएसएफ की टीयर स्मोक यूनिट में हो रहा है.
राजनाथ सिंह ने पिछले महीने 24-25 अगस्त को कश्मीर के दौरे के दौरान कहा था कि जल्द ही पेलेट गनों का विकल्प दिया जाएगा. पावा शेल के इस्तेमाल का मतलब यह नहीं है कि पेलेट गनों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाएगी, लेकिन इनका इस्तेमाल दुर्लभ से दुर्लभ परिस्थितियों में किया जाएगा.
बता दें कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में तनाव की स्थिति है, आए दिन प्रदर्शन हो रहे हैं, ऐसे में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पेलेट गन का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसकी वजह से कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों के घायल होने के बाद से ही इस गन के इस्तेमाल पर रोक की मांग की जा रही थी. पावा शेल के इस्तेमाल से प्रदर्शनकारियों को उतना नुकसान नहीं होगा जितना पेलेट गन के इस्तेमाल से होता है.