तीन तलाक के बाद हलाला, बहुविवाह, मुता निकाह और मिस्यार निकाह के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि इस मामलों की सुनवाई संवैधानिक पीठ करेगा. शमीना बेगम नाम की एक मुस्लिम महिला ने बहुविवाह और हलाला के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
नई दिल्लीः हलाला और बहुविवाह के खिलाफ फाइल की गई याचिका पर सोमवार को सुप्रीम ने केंद्र सरकार को नेटिस जारी किया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि संवैधानिक पीठ मामले की सुनवाई करेगी. हलाला औक बहुविवाह के अलावा मुता निकाह और मिस्यार निकाह (निश्चित अवधि के लिए शादी का करार) पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया है.
बता दें कि शमीना बेगम नाम की एक मुस्लिम महिला ने बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए. क्योंकि यह बहु विवाह और निकाह हलाला को मान्यता देता है.
वहीं हैदराबाद के मौलिन मोहसिन बिन हुसैन ने याचिका दाखिल कर मुता निकाह और मिस्यार निकाह को अवैध घोषित करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि मुता निकाह शिया और मिस्यार निकाह सुन्नी मुस्लिमों में प्रचलित है. यह संविधान में महिलाओं को मिले बराबरी और जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हैं. याचिकाकर्ता ने शरीयत एक्ट 1937 की धारा 2 के वह तथ्य असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है.
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