बीएचयू के पूर्व वाइस चांसलर जीसी त्रिपाठी के बाद खाली हुए पद पर जेएनयू के प्रोफेसर राकेश भटनागर की नियुक्ति हुई है. पिछले साल 33 सितंबर, 2017 को परिसर में छेड़छाड़ के विरोध में आंदोलित छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले के तूल पकड़ने पर तत्कालीन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी को छुट्टी पर भेज दिया गया था. इसके बाद 26 नवंबर, 2017 को उनका तीन साल का कार्यकाल भी खत्म हो गया. तब से यह पद खाली था. प्रोफेसर भटनागर फरवरी, 2016 में जेएनयू में बहुचर्चित भारत विरोधी नारेबाजी मामले की जांच कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
नई दिल्ली. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के लिए नए वाइस चांसलर की नियुक्ति हो गई है. अब प्रोफेसर राकेश भटनागर को बीएचयू का वीसी बनाया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. राकेश भटनागर 2012-2013 तक कुमायूं विश्वविद्यालय के वीसी रह चुके हैं. वे दो दशक से जेएनयू में अध्यापन कर रहे हैं. वे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के मालीक्यूलर बायोलॉजी एंड जेनेटिक इंजीनियरिंग लैब्रोटी के प्रोफेसर थे.
राष्ट्रपति और यूनिवर्सिटी के विजिटर रामनाथ कोविंद ने 26 मार्च को अपने काशी के पहले दौरे के तीन दिन पहले जेएनयू के प्रो. राकेश भटनागर की नियुक्ति कर इस पद के लिए चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है. बीएचयू में यह पद पिछले चार माह से खाली था. यह पद जीसी त्रिपाठी का कार्यकाल खत्म होने के बाद से खाली था. गिरीश चंद्र त्रिपाठी पिछले साल बीएचयू में हुए बवाल के बाद दो महीने की छुट्टी पर चले गए थे.
जीसी त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवंबर 2017 को खत्म हो गया था. इसके बाद विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. विश्वविद्यालय के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय को मेल मिल चुका है. एचआरडी के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार पिछले वीसी जीसी त्रिपाठी के लास्ट समय में किए गए बर्ताव से नाराज थी. जीसी त्रिपाठी ने छात्राओं के उत्पीड़न की शिकायत पर पूरे मामले को जिस तरह से हैंडल किया उससे देशभर में विवि और सरकार की आलोचना हुई थी.
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