इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने दुर्गा के 7वें और सबसे रौद्र रुप मां कालरात्रि के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि मां कालरात्रि का रूप कैसा है और उनका क्या महत्व है.
नई दिल्ली. नवरात्र चल रहे हैं और आज उसका छठा दिन है. ऐसे में कल यानि शनिवार को मां के सातंवें रूप की पूजा की जाएगी. बता दें कि बीते बृहस्पतिवार को देवी के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा विधि बताई गई थी. इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने दुर्गा के सातवें और सबसे रौद्र रुप मां कालरात्रि के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि मां कालरात्रि आपके हर डर को दूर करेंगी. मां कालरात्रि का रौद्र रुप अगर आप पर प्रसन्न हो गया तो कष्टों को हर लेगा और अगर कोई दुश्मन आपके खिलाफ साजिश कर रहा, तो दुश्मनों की हर साजिश को नाकाम करने वाले उपाय भी आज जानेंगे.
मां के सातवें स्वरुप को देखकर भले ही भय लगे लेकिन कालारात्री भक्तों के लिए हमेशा शुभ ही लेकर आती हैं. ये काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं. कालरात्रि देवी का रंग काला है, उन्हें काली मां भी कहा जाता है, उनके बाल बिखरे है, वो गधे पर सवार होती हैं. मां कालरात्रि की चार भुजाएं हैं, उनके गले में बिजली की माला है.
मां कालरात्रि के ऊपर के बाएं हाथ में हंसली और नीचे के बाएं हाथ में लोहे के कांटों का हथियार है. उनका ऊपर का सीधा हाथ वर मुद्रा में है और नीचे का सीधा हाथ अभय मुद्रा में है. माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं. इसी कारण इनका एक नाम ‘शुभंकारी’ भी है.
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