आजमगढ़. यूपी चुनाव का बिगुल भले ही न बजा हो लेकिन मायवती ने अपनी ताल ठोकनी शुरू कर दी है. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती आगरा के बाद अब रविवार को आजमगढ़ में दूसरी रैली करने जा रही हैं. इस रैली में वह समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों को निशाने पर लेंगी.
इस रैली में भीड़ इकट्ठा करने के लिए बसपा कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए थे. एक अनुमान के अनुसार आईटीआई ग्राउंड में होने वाली इस रैली में करीब तीन लाख से ज्यादा लोगों के आने की संभावना है. रैली ‘सर्वजन हिताए सर्वजन सुखाए’ की श्रृंखला में 21 अगस्त को हुई आगरा रैली के बाद दूसरी रैली है. 2014 लोकसभा चुनावों के बाद यह मायावती की पूर्वोत्तर यूपी में पहली रैली होगी.
आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सांसद हैं और फिलहाल यहां की 10 में से 9 विधानसभा सीटें अकेले समाजवादी पार्टी के पास हैं. आजमगढ़ जितना समाजवादी पार्टी का गढ़ है उतना ही यह बीएसपी का भी गढ़ माना जाता है क्योंकि साल 2012 तक बसपा ने इस क्षेत्र में अच्छी संख्या में सीटें जीती हैं. साल 2007 में बसपा को यहां 10 में से 6 सीटें मिली थीं.
इस इलाके में 9 लाख जाटव वोट होने के बावजूद पार्टी को सिर्फ लालगंज की सीट मिली है जबकि यहां की दो सुरक्षित सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं. ऐसे में बसपा की अपने वोटों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम वोट, पिछड़ी जातियों और उच्च जाति के वोटों पर भी नजर होगी.