दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय सहित छह विभागों के लिए सरकार ने 140 प्यूरीफायर खरीदे हैं. इन प्यूरीफायर को खरीदने के लिए 36 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. दिल्ली का प्रदूषण सर्दियों में अपने चरम पर होता है. बहुत सारे लोग धुंध के कारण मॉर्निंग वॉक भी छोड़ देते हैं.
नई दिल्ली. बढ़ते प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी में ये हाल है कि पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को गैस चैंबर बता दिया था. अब खबर सामने आ रही है कि प्रदूषण से बचने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएमओ सहित 6 सरकारी विभागों को शुद्ध हवा के लिए 140 प्यूरीफायर खरीदे हैं. पीएमओ के अलावा नीति आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, टूरिज्म, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के कार्यालय के लिए ये प्यूरिफायर खरीदे गए हैं. इसके लिए सरकार द्वारा 36 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.
दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. इस मामले पर मोदी सरकार की आलोचना भी हुई थी लेकिन इस स्थिति से निपटने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं निकाला गया. इससे बचने के लिए पीएमओ ने इन प्यूरीफायर्स की खरीदारी की है. पिछले साल हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 10 प्रतिशत तक पहुंच गई. उस समय राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को गैस चैंबर बता दिया था. ब्रिटिश मेडिकल जनरल द लैनसेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2016 में भारत में कुल बीमारियों में से करीब 10 प्रतिशत वायु प्रदूषण के कारण हुई थीं.
सर्दियों में हर साल दिल्ली की हवा में प्रदूषण अपने चरम पर होता है. उस वक्त एहतियातन तौर पर दिल्ली के स्कूलों को बंद करना पड़ता है. पिछले साल 5 दिन के लिए स्कूल बंद किए गए थे. राष्ट्रीय राजधानी के करीब 45 सरकारी स्कूलों का संचालन करने वाले केंद्रीय विद्यालय संगठन का कहना है कि उसने एक भी प्यूरीफायर नहीं खरीदा है और ऐसा करने का उनका इरादा भी नहीं है. इसके पीछे तर्क दिया है कि वातानुकूलित जगह पर ही एयर प्यूरीफायर कारगर है. खुली खिड़कियों या दरवाजों वाली जगह पर प्यूरीफायर कारगर नहीं है.
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दिल्ली प्रदूषण: जनता की फूल रही सांसें, गृह मंत्रालय में लगाया जा रहा एयर प्यूरीफायर