यशवंत सिन्हा ने एनडीटीवी ऑनलाइन में लिखे एक लेख में कहा है कि सहयोगी दल एनडीए से पीछा छुड़ाने लगे हैं क्योंकि उन्होंने जनता के मूड को भांप लिया है. भाजरपा बेहतर साबित होने के बजाय जनता के लिए बोझ बन चुकी है.
नई दिल्ली.भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंन्हा ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने एनडीटीवी ऑनलाइन पर अपने एक लेख में लिखा है कि ‘NDA से (घटक दल) क्यों पीछा छुड़ाने लगे हैं? इसकी वजह तलाशने के लिए दूर नहीं जाना होगा. उन लोगों ने जनता का मूड भांप लिया है जो निर्णायक तौर पर भाजपा के खिलाफ हो चुका है. बेहतर साबित होने के बजाय बीजेपी उनके लिए बोझ बन चुकी है. नीतीश कुमार NDA में शामिल होने वालों में सबसे नए हैं, लेकिन उनके उम्मीदवार को जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में आरजेडी के हाथों करारी शिकस्त मिली है. NDA से पीछा छुड़ाने की प्रक्रिया समय में बदलाव की एक और निशानी है.’
उनका कहना है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुछ सहयोगी जरूर होंगे लेकिन गठबंधन का आकार पहले जैसा नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में उपचुनावों के बाद त्रिपुरा में जीत मिलने पर भाजपा की धारणा बदली है. यशवंत सिन्हा ने अपने लेख में कहा कि भाजपा के रवैये से राजग के सहयोगी दल नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि ‘ऐसा लग रहा है मानो भाजपा के व्यवहार से न केवल शिवसेना बल्कि अन्य सहयोगी दल भी खास खुश नहीं हैं. तेलगु देसम पार्टी (टीडीपी) ने अपने 16 सांसदों के साथ पहले कैबिनेट से अपने मंत्रियों को हटा लिया था जिसके बाद में राजग से अलग हो गई. इतना ही नहीं टीडीपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी वहीं दूसरी ओर पंजाब में अकाली दल बार-बार अपनी नाखुशी जाहिर कर रहा है.’ इसके अलावा उन्होंने लेख में लिखा है कि ‘राजग में शामिल होने वाले जीतन राम मांझी अब संप्रग में जा चुके हैं.
गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा ने पहले भी कई बार भाजपा की आलोचना की है. हाल ही में उन्होंने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि पीएम ने नोटबंदी से घोषित उद्देश्यों में से कोई भी पूरा नहीं किया. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि यहां नीतियां केवल एक आदमी के कहने से बनती हैं.
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