नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में CJI टीएस ठाकुर ने पूरे देश में फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने की मांग करने वाली याचिका पर जबरदस्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि देश की हर समस्या का समाधान अदालती आदेश नहीं है. कोर्ट ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश में राम राज्य आ सकता है ? क्या सुप्रीम कोर्ट ये आदेश करे कि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो तो क्या ऐसा होगा?
ठाकुर ने आगे कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ये कहे कि देश में कोई अपराध ना हो, कोई कत्ल ना हो तो क्या हो सकता है तो सुप्रीम कोर्ट अगर आदेश करे कि देशभर में फुटपाथ से कब्जे हटाए जाएं तो क्या आदेश का पालन हो जाएगा.
ये टिप्पणी उस जनहित याचिका पर की गई जिसमें देशभर के फुटपाथ पर हुए कब्जों को हटाने की मांग की गई थी. हालांकि चीफ जस्टिस इसे खारिज करना चाहते थे लेकिन अब सुनवाई फरवरी में होगी. हालांकि CJI ठाकुर जनवरी में रिटायर हो रहे हैं और इनके बाद जस्टिस जेएस खेहर नए चीफ जस्टिस बनेंगे.
दरअसल, चीफ जस्टिस की सलाह थी कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका वापस ले ले. उनका कहना था कि याचिकाकर्ता दिल्ली से जुड़ा हुआ है. इसलिए, वो हाईकोर्ट में दिल्ली की समस्या उठाए. यह याचिका एक एनजीओ वाइस ऑफ इंडिया की ओर से दायर की गई थी.
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि फुटपाथ पर हुए कब्जों से देशभर के लोग इसकी वजह से परेशान हैं और पुलिस और सरकार शांत है. ऐसे में आम जनता को कोर्ट से बहुत उम्मीदें हैं. अगर मानवाधिकारों का ऐसे ही उल्लंघन होता रहा है तो लोगों की बात कोर्ट नहीं सुनेगा तो कौन सुनेगा? आम जनता किसके पास जाएगी. याचिका में कहा गया है कि सड़क किनारे वाले लगने वाली दुकानों और पार्किंग की वजह से आम आदमी का पैदल चलना मुश्किल होता जा रहा. इसकी वजह से बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.