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चीन की नई चाल, भारत से सटे बॉर्डर पर अब तैनात होंगे ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के जवान

भारत-चीन सीमा पर अब ड्रैगन ने नई चाल चली है. दरअसल भारत से सटे चीन के सभी बॉर्डर पर अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को तैनात करने का फैसला किया गया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सरकार के इस फैसले से भारत पर भी इसका असर पड़ेगा. बता दें कि इससे पहले यह जिम्मा सीमा पुलिस के पास था. अब सीमा पुलिस भी सीधा पीएलए को रिपोर्ट करेगी.

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China People's Liberation Army
  • March 22, 2018 12:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः हाल में चीनी विदेश मंत्री ने भारत और चीन को एक साथ मिलकर दुनिया को राह दिखाने की सलाह दी थी. अब चीन ने अपनी बॉर्डर सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव किया है. भारत से सटे चीन के सभी बॉर्डर पर अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का पूरा कंट्रोल रहेगा. इससे पहले बॉर्डर पर यह जिम्मेदारी सीमा पुलिस के पास थी. चीन की इस राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से भारत पर भी इसका असर पड़ेगा.

इंडिया टुडे ग्रुप की खबर के अनुसार, चीन में PLA पर सीधा नियंत्रण कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ में होता है. पिछले कुछ दिनों में चीन में जो भी बदलाव किए गए हैं वह इसी प्रकार से किए गए हैं कि जिससे सारी ताकत कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ में आ जाए. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में रक्षा नीति, विदेश नीति, सुरक्षा नीति समेत अहम फैसले कम्युनिस्ट पार्टी ही लेती है. बुधवार को चीन की संसद के इस सत्र का आखिरी दिन था. इसी सत्र में सीमा पुलिस की जगह PLA को नियंत्रण देने का आदेश दिया गया.

हालांकि, ऐसा नहीं है कि PLA को पहली बार चीन की सीमा से सटे बॉर्डरों पर तैनात करने का फरमान सुनाया गया हो. इससे पहले भी PLA बॉर्डर इलाकों में तैनात रहती थी, लेकिन सीमा पुलिस मुख्य रूप से पोर्ट, बॉर्डर प्वाइंट्स इलाकों में मौजूद रहती थी. इससे पहले सीमा पुलिस सीधे पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्ट्री को रिपोर्ट करती थी लेकिन पिछले साल दिसंबर से सीमा पुलिस भी PLA को रिपोर्ट कर रही है. चीनी सरकार द्वारा किए गए अब इस नए आदेश के बाद PLA को सभी बॉर्डर का चार्ज पूरी तरह से मिल जाएगा.

पिछले कुछ समय पर गौर करें तो चीन अपनी नीतियों में काफी बदलाव कर रहा है. हाल में चीनी संसद ने राष्ट्रपति पद के लिए सभी सीमाओं को खत्म कर दिया था. माना जा रहा है कि इसका सीधा फायदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग मिलेगा. दरअसल इस फैसले के प्रभावी होने के बाद वह ताउम्र राष्ट्रपति पद पर काबिज रह सकते हैं. बताते चलें कि हाल में चीन ने सिक्किम-भूटान-तिब्बत के त्रिकोण पर डोकलाम क्षेत्र के पास फिर से सड़क और अन्य सैन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचा तैयार करने की कवायद की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय चौकियों से बचने के लिए PLA इस इलाके में एक घुमावदार सड़क भी बना रहा है. ऐसे में भारत-चीन की सभी सीमा पर सेना की कमान PLA को सौंपे जाने का फैसला भारत की चिंता को बढ़ा सकता है.

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