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कश्मीर में 90 के दशक जैसे हालात, 11 साल बाद BSF ने संभाला मोर्चा

जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखने के लिए 11 साल बाद फिर से सीमा सुरक्षा बल (BSF) की तैनाती की गई है. बीते सोमवार को श्रीनगर के लालचौक और आसपास के इलाके में BSF के एक दस्ते ने करीब 11 साल बाद फ्लैग मार्च किया.

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  • August 24, 2016 3:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखने के लिए 11 साल बाद फिर से सीमा सुरक्षा बल (BSF) की तैनाती की गई है. बीते सोमवार को श्रीनगर के लालचौक और आसपास के इलाके में BSF के एक दस्ते ने करीब 11 साल बाद फ्लैग मार्च किया. 
 
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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज दो दिन की यात्रा पर कश्मीर में हैं. इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह वहां के हालात का जायजा लेंगे और स्थिति की समीक्षा करेंगे. उनके साथ गृह सचिव भी होंगे. राजनाथ सिंह कश्मीर में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं. एक महीने के अंदर ये गृह मंत्री का यह दूसरा जम्मू-कश्मीर दौरा है.
 
 
बता दें कि आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद कश्मीर में कर्फ्यू 49वें दिन भी जारी है. इस बीच, राजनाथ सिंह भी आज से दो दिन के कश्मीर दौरे पर हैं. यह एक महीने में उनका दूसरा कश्मीर दौरा होगा. वे 23 जुलाई को भी कश्मीर गए थे.
 
 
बुराहान के मारे जाने के बाद श्रीनगर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और करीब 4500 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. केंद्र सरकार ने घाटी में BSF के 2600 जवानों की तैनाती की है. बता दें कि घाटी में आतंरिक सुरक्षा के लिए BSF को 1991 से 2004 तक तैनात रखा गया. बाद में इसे LOC पर तैनात कर दिया गया था. स्थानीय लोगों के मन में BSF की छवि एक आक्रमक और क्रूर बल की है. 

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