नई दिल्ली. आज से कुछ सप्ताह पहले भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल का एक विशेष संस्करण पूर्वोत्तर में तैनात करने की बात कहे जाने को चीन हजम नहीं कर पाया है. चीन ने भारत को आगाह करते हुए कहा है कि ऐसा कोई कदम सीमा पर कायम स्थिरता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.
दरअसल अगस्त महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की समिति ने ब्रह्मोस के उन्नत संस्कण से लैस नए जखीरे को पहाड़ों पर स्थापित करने की मंजूरी दी थी. इस पर आने वाला खर्च करीब 4,300 करोड़ रूपये से ज्यादा का होगा. यह नयी रेजमेंट अरुणाचल प्रदेश में तैनात की जानी है.
हाल के दिनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई गतिरोध की घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया था. बता दें कि ब्रह्मोस को पहाड़ों पर ही युद्ध लड़ने के लिए विकसित किया गया है.
इस पर चीन के पीएलए डेली में छपी एक टिप्पणी के अनुसार भारत के इस कदम से चीन जवाबी कदम उठाने को मजबूर होगा. चीन ने भारत के इस कदम को तिब्बत और युन्नान प्रांतों के लिए ख़तरा बताया है. पीएलए डेली ने इसे क्षेत्र में स्थापित स्थिर माहौल पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला बताया है.