यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के मनचलों पर नकेल कसने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था. हालांकि, कुछ दिन एक्शन में रहने के बाद एंटी रोमियो स्क्वायड मौजूदा समय में कागजी खानापूर्ती तक सीमित हो गई. अब राज्य में एक बार फिर एंटी रोमियो स्क्वायड को नए सिरे से व्यवस्थित कर ताकत देने की कवायद शुरू हो गई है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के शौहदों पर नकेल कसने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था. हालांकि, कुछ दिन एक्शन में रहने के बाद एंटी रोमियो स्क्वायड मौजूदा समय में कागजी खानापूर्ती तक सीमित हो गई. जिसके बाद अब राज्य में एक बार फिर एंटी रोमियो स्क्वायड को नए सिरे से व्यवस्थित कर ताकत देने की कवायद शुरू हो गई है. खबर है कि डीजीपी मुख्यालय इस मामले को लेकर एक बड़ी योजना तैयार कर रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार एंटी रोमियो स्क्वायड सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में मनचलों को चिह्नित करने के साथ-साथ शराब के ठेकों के आस-पास लगने वाले जमावड़े पर नजर रखेगा. डीजीपी मुख्यालय जल्द ही इस मामले में निर्देश घोषित करेगा. आपको बता दें कि चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में एंटी रोमियो स्क्वायड को गठन करने का वादा किया था. राज्य में सरकार बनाने के बाद थाने स्तर पर एंटी रोमियो दल का गठन कर कार्रवाई शुरू की गई लेकिन कई बार इनके हत्थे भाई-बहन और पति-पत्नी भी चढ़ गए जिस वजह से काफी विवाद भी हुए,
सूबे में कई बार एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन को लेकर कई तरह के निर्देश जारी किए गए. इसके साथ ही एंटी रोमियो स्क्वायड को महिला पावर लाइन 1090 में प्रशिक्षण भी दिलाया गया. वहीं इस मामले में डीजीपी मुख्यालय का दावा है कि एंटी रोमियो स्क्वायड की मदद से पिछले एक साल में 12.5 लाख व्यक्तियों को सचेत किया जा चुका है. वहीं करीब 2 हजार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उनपर कार्रवाई की गई है.
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