दिल्ली के एक दिव्यांग व्यक्ति को तलाक के बाद अपनी पत्नी को गुजर बसर के लिए 5 लाख रुपये की राशि देनी है. ऐसे में वह कालकाजी क्षेत्र में लोगों से मांग-मांग कर इस रकम को जुटाने में लगा है.
नई दिल्ली. दिल्ली के 43 साल के एक दिव्यांग व्यक्ति को तलाक के बाद अपनी पत्नी को गुजर बसर के लिए 5 लाख रुपये की राशि देनी है. ऐसे में वह कालकाजी क्षेत्र में लोगों से मांग-मांग कर इस रकम को जुटाने में लगा है. शिव कुमार अखबार बेचने का काम करते हैं और कुछ समय पहले बाइक दुर्घटना में वे दिव्यांग हो गए. जिसके बाद वे एक साल तक बिस्तर पर पड़े रहे. इस दौरान उन्होंने अपनी बचत का सारा पैसा गवां दिया. उसकी पत्नी के साथ संबंध बिगड़ चुके थे और उसपर और उसके परिवार पर घरेलु हिंसा का आरोप लगा था. शिव कुमार ने कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें उसी दिन छोड़ दिया था जब उनका एक्सीडेंट हुआ था और डॉक्टर ने कहा था कि वे ज्यादा दिन नहीं जियेंगे.
शिव कुमार ने कहा कि ये दुर्घटना आठ माह पहले हुई थी. उन्होंने कहा कि ‘मेरे और मेरी पत्नी के बीच शुरू से ही सब कुछ ठीक नहीं था. वह नहीं चाहती थी कि मैं अपने माता पिता का ख्याल रखूं. और जब उसे मालूम हुआ कि मैं जीवित नहीं रहूंगा तो उसने मेरा साथ छोड़ दिया. इसके कुछ माह बाद शिव कुमार और उसके परिवार पर घरेलू हिंसा का केस लगा दिया गया था.
लेकिन पुलिस ने मेरी हालत देखकर पत्नी को मेरे साथ रहकर मेरा ख्याल रखने को कहा. जब शिवकुमार कुछ ठीक हुए तो डॉक्टर ने उन्हें कैंसर की बीमारी बता दी. उस दौरान उनकी पत्नी ने दोबारा घरेलू हिंसा का आरोप लगा दिया. ऐसे में तलाक के बाद कोर्ट ने उन्हें हर माह अपनी पत्नी को 4000 रुपये का भरण पोषण देने को कहा है जबकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है. ये पैसे न दे पाने के कारण शिवकुमार तीन बार तिहाड़ जेल भी जा चुके हैं.’
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