कमाई में गिरावट के चलते ओला उबर के ड्राइवर हड़ताल पर जा रहे हैं. ये सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं. इस हड़ताल में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, पुणे जैसे बड़े शहरों के करीब 60 हजार ड्राइवर शामिल होंगे. ड्राइवरों की हड़ताल से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि महानगरों में प्रतिदिन लाखों लोग ऐप बेस्ड कैब में सफर करते हैं.
नई दिल्ली. कैब कंपनी ओला और उबर के ड्राइवर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. इस हड़ताल में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे बड़े शहरों के कैब ड्राइवर शामिल हैं. मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के ट्रांसपोर्ट विंग के अध्यक्ष संजय नाइक का कहना है कि हड़ताल में देश भर के 60,000 कैब ड्राइवर शामिल हैं. ये ड्राइवर कम किराए के चलते हड़ताल पर जा रहे हैं. कैब ड्राइवरों की हड़ताल से महानगरों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
ओला उबर कंपनियों के ड्राइवरों का आरोप है कि दोनों कंपनी की कारों को पहले सवारियां देती हैं. ड्राइवर इतने परेशान हैं कि अकेले मुंबई में 20% ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां उबर-ओला से हटा ली हैं. कैब ड्राइवरों का कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल लंबी चल सकती है. हालांकि ओला और उबर की तरफ से इस स्ट्राइक पर अभी कोई जवाब नहीं आया है.
संजय नाइक का कहना है कि ओला और उबर ने एग्रीमेंट के वक्त ड्राइवरों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे. लेकिन आज यह आलम है कि वे किस्त के पैसे भी नहीं निकाल पा रहे. जिन ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां इन कंपनियों में लगाई हैं उन्होंने पांच से सात लाख रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने उम्मीद थी कि महीने में एक से डेढ़ लाख की कमाई होगी लेकिन इन कंपनियों की गलती के कारण वे इसका आधा भी नहीं कमा पाते. नाइक ने कहा कि अब इतनी कमाई में वे किस्त दें या कारों के मैंटेनेंस पर खर्च करें या अपने परिवार का खर्च चलाएं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मनसे प्रमुख राज ठाकरे से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है.
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