बॉलीवुड एक्टर जितेंंद्र कपूर को यौन उत्पी़ड़न मामले में बड़ी राहत मिल गई हैं. हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में आगे की कार्रवाई और जांच पर रोक लगा दी है. बता दें. जितेंद्र की कजिन ने उन पर 47 साल पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद हिमाचल पुलिस ने अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.
मुंबई. हाई कोर्ट ने बॉलीवुड एक्टर जितेंद्र कपूर के खिलाफ दर्ज हुए यौन उत्पीड़न के मामले की जांच कर फिलहाल रोक लगा दी है. जस्टिस अजय मोहन गोयल ने जितेंद्र की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश लिया गया है. पुलिस ने 16 फरवरी को कजिन की शिकायत के आधार पर एक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था. एफआईआर में जितेंद्र कपूर की चचेरी बहन ने 47 साल पहले हुई घटना को लेकर उन पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे. जितेंद्र ने दावा किया था कि पुलिस ने कोई जांच करे बिना याचिका दायर की थी. वहीं उनके वकील ने कहा कि पुलिस ने एक्टर से कोई सवाल नहीं किया और न ही एफआईआर की कॉपी दी. उनकी छवि को खराब करने की साजिश रची जा रही हैं.
वहीं शिमला में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत दर्ज जितेंद्र के खिलाफ प्राथमिकी पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी हैं. जितेंद्र की कजिन से पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके माता पिता के रहते हुए वह यह बात नहीं उठा सकती थी. इसकी हिम्मत मुझे फेमिनिस्ट अवेयरेस कैंपेन #MeToo की वजह से आई है. परिवार और रिश्तेदारों द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाली पीड़ितों में अब उम्मीद की किरण जागी है. इन सभी आरोपों पर सफाई देते हुए जितेंद्र के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा है कि यह सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं. जितेंद्र कपूर को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. अब 50 साल बाद इन आरोपों पर कोई भी न्यायालयीन कानून या कानूनी एजेंसी विचार नहीं कर सकती.
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