गोरखपुर उप चुनाव परिणाम के वक्त मीडिया की एंट्री रोकने वाले डीएम राजीव रौतेला बने कमिश्नर

योगी सरकार द्वारा स्थानांतरित किए गए 37 अधिकारियों में 17 डीएम और 5 कमिश्नर शामिल हैं. बुधवार को गोरखपुर फूलपुर उप चुनाव में हार के बाद सीएम योगी ने सभी कार्यक्रम कार्यक्रम रद कर दिए थे. दो दिन तक हार के कारणों पर चर्चा हुई.

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गोरखपुर उप चुनाव परिणाम के वक्त मीडिया की एंट्री रोकने वाले डीएम राजीव रौतेला बने कमिश्नर

Aanchal Pandey

  • March 17, 2018 8:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा शुक्रवार रात धड़ाधड़ अधिकारियों के तबादले किए गए. सरकार द्वारा 37 अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है. स्थानांतरित किए जाने वाले अधिकारियों में गोरखपुर उपचुनाव के दौरान मीडिया तो वोट काउंटिंग वाली जगह जाने पर रोकने वाले डीएम राजीव रौतेला भी शामिल हैं. लेकिन उनका तबादले के साथ ही प्रमोशन भी कर दिया गया है.

राजीव रौतेला को देवीपाटन का कमिश्नर बनाया गया है. वहीं कासगंज तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर टिप्पणी करने वाले बरेली डीएम राघवेंद्र विक्रम को हटा दिया गया है. योगी सरकार द्वारा स्थानांतरित किए गए 37 अधिकारियों में 17 डीएम और 5 कमिश्नर शामिल हैं. बुधवार को गोरखपुर फूलपुर उप चुनाव में हार के बाद सीएम योगी ने सभी कार्यक्रम कार्यक्रम रद कर दिए थे. दो दिन तक हार के कारणों पर चर्चा हुई. डीएम गोरखपुर का ट्रांसफ़र और तुरंत बाद कमिश्नर के रूप में पोस्टिंग को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि अगर उन्हें सजा दी गई है तो कमिश्नर की पोस्टिंग क्यों दी गई.

शुक्रवार देर रात जारी लिस्ट में गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला को हटाकर उनकी जगह विजयेंद्र पांडियन को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा जिन 16 जिलों के डीएम का तबादला किया गया है उनमें बलिया, गोरखपुर, आजमगढ़, बरेली, महाराजगंज, चंदौली, पीलीभीत, अलीगढ़, भदोही, अमरोहा, सीतापुर, सोनभद्र, हाथरस, हापुड़ के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं.

बता दें कि गोरखपुर उप चुनाव के रिजल्ट के दौरान डीएम रौतेला पर आरोप लगे थे कि उन्होंने मीडिया को काउंटिंग स्थल पर जाने से रोक दिया है. इस मामले की समाजवादी पार्टी ने शिकायत भी की थी. दरअसल फूलपुर के 10 राउंड के नतीजे घोषित कर दिए गए थे लेकिन गोरखपुर सीट के दूसरे राउंड के नतीजे भी नहीं घोषित किए गए थे. जब इस देरी की वजह पत्रकारों ने जाननी चाही तो उनकी एंट्री भी बैन कर दी गई थी. इस मामले पर यूपी विधानसभा में भी हंगामा हुआ था. 

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