नई दिल्ली. देश के इस सच्चे सपूत के सबसे बड़े बलिदान पर हर किसी की आंखें नम हैं. हर कोई कमांडेंट प्रमोद कुमार के पार्थिव शरीर की एक झलक देख लेना चाहता है. उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहता है. उनकी वीरता को सलाम करना चाहता है.
श्नीनगर में शहीद कमांडेट प्रमोद कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह करीब 10 बजे झारखंड के जामताड़ा पहुंचा. मिहिजाम इलाके के पालबगान स्थित उनके घर में सुबह से श्रद्धांजलि देनेवालों का तांता लगा. सबकी आंखों में आंसू थे. सबसे पहले शहीद कमांडेंट को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद परिवार के लोगों ने श्रद्धांजलि दी. सुबह करीब 11.30 बजे शहीद कमांडेंट प्रमोद की आखिरी यात्रा शुरू हुई. जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. लोगों ने शहीद कमांडेंट जिंदाबाद के नारे लगाए. साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी. अंतिम यात्रा में सीआरपीएफ डीआईजी, एसडीजी समेत कई आला अफसर और विधायक मंत्री भी शामिल हुए. चितरंजन स्थित अजय नदी घाट पर छह साल की बेटी हरना ने शहीद कमांडेंट प्रवीण को मुखाग्नि दी.
सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार सोमवार यानी 15 अगस्त को आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गए.प्रमोद अपने पीछे अपनी पत्नी, 6 साल की बेटी और पिता को छोड़कर गए हैं. कहते हैं वो आतंकियों की हिट लिस्ट में थे कई बार आतंकियों से मोर्चा भी लिया था.कई बार आतंकियों ने उनकी टीम पर ग्रेनेड से हमले भी किए थे लेकिन इस शूरवीर ने शायद जाने के लिए भी 15 अगस्त का ही दिन चुना था. वीडियो पर क्लिक कर देखिए पूरा शो