राहुल गांधी ने कहा था कि राफेल के दाम को लेकर लिखा कि कतर के साथ डील में राफेल प्लेन का दाम 1319 करोड़ रुपए बताया गया है, जबकि मोदी सरकार से राफेल डील में प्लेन का दाम 1670 करोड़ रुपए. वहीं मनमोहन सरकार में राहुल ने प्लेन का दाम 570 करोड़ रुपए तय होना की बात कही.
नई दिल्ली. राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने एक ट्वीट में कहा है कि ‘डसॉल्ट ने रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) का झूठ उजागर किया है. उसने एक रिपोर्ट में राफेल प्लेन के प्राइस के बारे में बताया है.’ राहुल गांधी ने कीमतों में अंतर को दर्शाते हुए बताया कि मोदी सरकार में हर प्लेन पर करीब 1100 करोड़ रुपए ज्यादा दिए गए. साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग 36,000 करोड़ रुपये जेब में डाल लिए गए, जो कि रक्षा बजट का 10% है. ऐसा तब किया गया जबकि हमारी आर्मी सरकार से पैसे मांग रही है. बता दें कि डसॉल्ट राफेल प्लेन बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी है और राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में इसी कंपनी की 2016 की रिपोर्ट का हवाला दिया है.
राहुल ने अपने ट्वीट में राफेल के दाम को लेकर लिखा कि कतर के साथ डील में राफेल प्लेन का दाम 1319 करोड़ रुपए बताया गया है, जबकि मोदी सरकार से राफेल डील में प्लेन का दाम 1670 करोड़ रुपए. वहीं मनमोहन सरकार में राहुल ने प्लेन का दाम 570 करोड़ रुपए तय होना की बात कही.
बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ‘एयरफोर्स की अर्जेंट रिक्वायरमेंट को देखते हुए इस डील पर मुहर लगाना जरूरी था. सितंबर 2016 में इस डील के फाइनल एग्रीमेंट साइन किए गए. इससे पहले 5 राउंड की लंबी बातचीत भी फ्रांस के साथ हुई थी. इसके लिए कैबिनेट की सिक्युरिटी कमेटी का अप्रूवल भी लिया गया. इस डील पर आरोप लगाना भारतीय सेनाओं का अपमान है.‘
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