गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा सेवा कैफे अपने आप में अनोखा है. यहां आने वाले ग्राहकों को पेट भर खाने के बाद भी कोई बिल नहीं चुकाना होता. पिछले 11 साल से मानव सदन, ग्राम श्री और स्वच्छ सेवा जैसे एनजीओ गिफ्ट इकॉनमी से यह कैफे चला रहे हैं. .
अहमदाबादः रेस्टोरेंट में खाने का मतलब भारी भरकम बिल लेकिन क्या आपने किसी ऐसे रेस्टोरेंट के बारे में सुना है जहां आप अपना मनपसंद खाना भी खा लें और वो भी बिना कोई बिल चुकाए. जी हां, गुजरात की राजधानी अहमदाबाद का गुजराती सेवा कैफे में कुछ ऐसा ही है, यहां आप पेट भर के खाना खा सकते हैं और उसके लिए आपको कोई बिल भी नहीं थमाएगा. मानव सदन, ग्राम श्री और स्वच्छ सेवा जैसे एनजीओ मिलकर ये कैफे पिछले 11 साल से चला रहे हैं.
कैफे के संचालक का कहना है कि इसे वॉलेंटियर्स मिलकर चलाते हैं और आने वाले हर व्यक्ति को प्रेम से खाना खिलाते हैं. इसलिए सेवा कैफे में किसी भी तरह का बिल नहीं लिया जाता, बल्कि गिफ्ट इकॉनमी को ही आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. गिफ्ट इकॉनमी का मतलब होता है कि ग्राहक अपनी इच्छानुसार पे करते हैं, जिसके एवज में किसी अन्य ग्राहक को फूड सर्व किया जाएगा.
सेवा कैफे में पहली बार आने वाले कई लोग इस नए मॉडल को समझ नहीं पाते और कई बार बिना पेमेंट या फिर कम पेमेंट करने का मूड बनाते हैं.लेकिन कैफे के माहौल और वॉलेंटियर्स की लगन को देखकर ज्यादा ही पैसे देकर जाते हैं. बता दें कि सेवा कैफे गुरुवार से रविवार शाम 7 से रात 10 बजे तक खुला रहता है या जब तक 50 मेहमानों को खाना न खिला दिया जाए.
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