लहरों की रफ्तार ऐसी है कि धड़कनें तेज़ हो जाएं

पानी के प्रहार से हिंदुस्तान में हाहाकार मचा है. करोड़ों की आबादी त्रस्त है. बारिश और बाढ़ से सड़कें, घर, खेत खलिहान सब बर्बाद हो चुके हैं. रोमांच के लिए जान को जोखिम में डालती इस भीड़ पर भी गौर कीजिए.

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लहरों की रफ्तार ऐसी है कि धड़कनें तेज़ हो जाएं

Admin

  • August 13, 2016 4:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. पानी के प्रहार से हिंदुस्तान में हाहाकार मचा है. करोड़ों की आबादी त्रस्त है. बारिश और बाढ़ से सड़कें, घर, खेत खलिहान सब बर्बाद हो चुके हैं. रोमांच के लिए जान को जोखिम में डालती इस भीड़ पर भी गौर कीजिए.
 
सैकड़ों लोग डैम के पास इकट्ठा हैं जबकि इससे बहता पानी पूरे उफान पर है. नौजवानों के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी यहां मौत को दावत देते दिख रहे हैं. एक दूसरे को देखकर सैलाब के बीच उतरने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जाती है. सैकड़ों की तादाद में किनारे मौजूद लोग बहाव के बीच चले आते हैं. ऐसा लगता है कि इन्हें न अपने जान की परवाह है ना ही अपने बच्चों की.
 
ज़रा सी भी चूक हुई तो इन दोनों की जान खतरे में पड़ जाएगी. लेकिन जामनगर के करीब बने इस डैम पर इकट्ठा हुए लोगों को रोमांच के आगे कुछ भी नहीं सूझ रहा है. ये लोग एक के बाद एक डैम में छलांग लगा रहे हैं.
 
इतना बड़ा जोखिम सिर्फ तस्वीरें खिंचवाने के लिए उठाया जा रहा है. जिस डैम पर खड़े होकर ये लोग फोटो खिंचा रहे हैं, उसकी ऊंचाई 50 फीट से भी ज़्यादा है. यहां का ससोई डैम भारी बारिश की वजह से ओवर फ्लो हो रहा है. तेज़ झरने की तरह बहता हुआ पानी नीचे की तरफ गिरता है और उसमें खड़े होकर लोग सेल्फी लेते हैं और अपनी फोटो खिंचाते हैं. इंडिया न्यूज के शो सैलाब में देखिए ‘लहरों की रफ्तार ऐसी है कि धड़कनें तेज़ हो जाएं’. वीडियो पर क्लिक कर देखिए पूरा शो
 
 
 
 
 

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