नई दिल्ली. पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पाकिस्तान का चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान PoK में मानवाधिकार का हनन कर रहा है, जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. परेशान बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भी बोलें वहां की सेना उन्हें सरेआम गोली मार देती है.
क्या कहा नकवी ने ?
नकवी ने कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकारों की बात करता है और PoK में पूरी तरह मानवाधिकारों का हनन बेशर्मी और बेदर्दी के साथ उड़ा रहा है. जिस तरह PoK के लोग पाकिस्तान के खिलाफ अपनी अवाज उठा रहे हैं उससे पाकिस्तान बनेकाब ही नहीं हुआ है बल्कि पूरी दूनिया के सामने आइसोलेट हो गया है. नकवी ने आगे कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकार की बात करता है और परेशान बलूचिस्तान के लोग कुछ भी वहां की सरकार के खिलाफ बोलें वहां की आर्मी सरेआम गोली मार देती है.
‘PoK भी भारत का हिस्सा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मामले पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान को करारा संदेश देते हुए कहा कि PoK भी भारत के जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है. PoK से निर्वासित लोगों से संपर्क शुरू कर पाकिस्तान को बेनकाब करने की जरूरत है.
क्या है मामला?
पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्तिस्तान में पाक विरोधी नारे लग रहे हैं. PoK में बीते कुछ महीने से जिस तरह लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, उससे पाकिस्तान की कलई खुल रही है. प्रदर्शनकारियों ने बाबा जन की रिहाई की मांग की है. बता दें बाबा जन को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 40 साल की सजा सुनाई है. साथ ही एंटी-टेररिस्ट लॉ के तहत पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और पाकिस्तानी सेना ने 500 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है.
‘भारत UN में उठाए बलूचिस्तान का मसला’
बलूचिस्तान में पाकिस्तान से परेशान मानवाधिकार कार्यकर्ता मर्री ने ट्वीट किया है कि भारत को इस समस्या से निपटने में हमारी मदद करनी चाहिए. मर्री ने लिखा है कि अगर पाकिस्तानी अधिकारी कश्मीर में रहने वाले नेताओं से मिल सकते हैं तो फिर भारत के अधिकारी क्यों नही मिल सकते? बलोच नेता ने कहा है भारत को मानवाधिकार हनन का यह मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहिए.
चीन से परेशान बलूचिस्तानी
प्रर्दशनकारियों के विरोध की एक वजह पाकिस्तान के इस शहर पर चीन का बढ़ता प्रभाव भी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान इस क्षेत्र में मौजूद संसाधनों का सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.