यूपी के कानपुर में 'मस्क्युलर डिस्ट्राफी' नामक गम्भीर बीमारी से पीड़ित मां-बेटी ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर 'इच्छा मृत्यु' की इजाजत मांगी है. पीड़ित मां-बेटी अपने इलाज के लिए पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं. इसी वजह से दोनों को यह गंभीर कदम उठाना पड़ रहा है.
कानपुर: यूपी के कानपुर से एक दुखद मामला सामने आया है जहां ‘मस्क्युलर डिस्ट्राफी’ नामक गम्भीर बीमारी से पीड़ित मां-बेटी ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग की है. बता दें कि पीड़ितों की यह बीमारी करीब-करीब लाइलाज है जिसका भारत में ट्रीटमेंट नहीं है. हालांकि, विदेशों में इस खतरनाक बीमारी का इलाज है लेकिन पीड़ित मां-बेटी अपने इलाज के लिए पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं. इसी वजह से तंग आकर उन्होंने इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है.
मिली जानकारी के मुताबिक, नौबस्ता स्थित यशोदा नगर की निवासी शशि मिश्रा (56) और उनकी बेटी अनामिका मिश्रा (33) लाइलाज बीमारी ‘मस्क्युलर डिस्ट्राफी’ से ग्रस्त हैं. पीड़ित अनामिका मिश्रा ने इस मामले में बताया कि उनके पिता गंगा मिश्रा भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित थे जिनकी 15 साल पहले मौत हो गई. वहीं उनकी मां को भी यह रोग लग गया और वे भी उसी समय से बिस्तर पर हैं. जबकि 6 साल पहले अनामिका को भी इस बीमारी ने घेर लिया. जिसके बाद अब उनकी देखबाल करने वाला कोई भी नहीं है जिस वजह से दोनों पीड़ितों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इच्छा मृत्यु की मांग की है.
मजिस्ट्रेट राज नारायण पाण्डेय के मुताबिक, इच्छामृत्यु की इजाजत मांगने के लिए पत्र सीधा राष्ट्रपति को भेजा गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष से राज्य सरकार वित्तीय मदद करेगी. वहीं दूसरी तरफ अनामिका ने दावा करते हुए कहा है कि कुछ समय पूर्व भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खून से पत्र लिखकर बीमारी को लेकर मदद मांगी थी. उस समय सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की मदद भी की गई जो की इलाज में जल्द खर्च हो गई. जिसके बाद अब पीड़ितों ने तंग आकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है.
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