नई दिल्ली. गोरक्षा के नाम पर हाल के दिनों में कभी दलित तो कभी अल्पसंख्यकों के साथ मार-पीट की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करके साफ-साफ कहा है कि गाय की रक्षा के नाम पर कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.
मंगलवार की शाम गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि गाय के वध पर जिन राज्यों में कानूनी रोक है वहां भी इसका मतलब ये कतई नहीं है कि ऐसे काम में लगे लोगों को सज़ा देने के काम में कोई आदमी या समूह खुद ही उतर आएगा.
सरकार ने कहा है कि भारतीय दंड विधान संहिता यानी सीआरपीसी के सेक्शन 39 में ये स्पष्ट है कि अगर कोई आदमी इस तरह के अपराध के बारे में जानता है तो उसे नजदीकी मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना देनी है जो इसके खिलाफ एक्शन लेगा, ना कि वो आदमी खुद ही कानून को अपने हाथ में लेगा.
केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि इस तरह के मामलों में कानून हाथ में ले रहे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त और फौरी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार के पत्र में किसी घटना का नाम लिए बगैर कहा गया है कि हाल-फिलहाल में ऐसे मामले सामने आए हैं जब लोगों ने गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लिया है जो मंजूर नहीं है.