नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के खंडवा के आठवीं क्लास के एक छात्र देवांश जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी मे देवांश ने अपनी स्कूल बस छोड़ने की गुहार लगाते हुए कहा है कि स्कूल बस अधिग्रहित होने की वजह से वो पढ़ने नहीं जा पा रहा है.
दरअसल प्रधानमंत्री की 9 अगस्त को अलीराजपुर ज़िले के भाबरा में होने वाली सभा में भीड़ जुटाने के लिए ज़िला प्रशासन ने सैकड़ों स्कूल बसें अधिग्रहित कर ली हैं. इस वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उन्हीं बच्चों में एक है देवांश जैन.
देवांश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र में स्कूल बसों को रैली के लिए इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है. आठवीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र देवांश जैन ने खत में लिखा है कि 9 अगस्त को अलीराजपुर में होने वाली पीएम मोदी की जनसभा के लिए स्कूल बसें अधिगृहित की जा रही हैं, जिसके चलते उस जैसे स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. आठवीं क्लास के देवांश का पीएम मोदी को लिखा गया खुला खत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
देवांश ने क्या लिखा चिट्ठी में-
आदरणीय मोदी अंकल,
प्रणाम, मुझे आज क्लास में मेरी टीचर ने बताया कि 9 और 10 अगस्त को स्कूल बस नहीं आएगी. मैंने पूछा क्यों? टीचर ने बताया कि आप मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले में शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक सभा को संबोधित करने आ रहे हैं, जिसमें भीड़ ले जाने के लिए कलेक्टर ने स्कूल बस ले ली है. पर मोदी अंकल, मुझे तो पता है कि आपको सुनने के लिए तो लोग स्वयं के साधन से, स्वयं के खर्च पर हर जगह पहुंचते हैं, चाहे देश हो या विदेश, सभी जगह आपको सुनने के लिए भारी भीड़ इकठ्ठा होती है. मैंने तो टीवी पर आपको अमेरिका में भी भाषण देते देखा था. वहां भी बहुत भीड़ थी. मुझे पता है कि वहां तो लोग आपको सुनने स्कूल बस में बैठकर नहीं पहुंचे थे. मुझे तो यह भी पता है कि चुनाव के समय आपको सुनने के लिए लोग पैसे देकर सभागृह में पहुंचते थे.
अंकल, मैं आपका बड़ा फैन हूं, रेडियो पर आपकी मन की बात सुनना कभी मिस नहीं करता. आपको लेकर मेरी अपने दोस्तों से लड़ाई तक हो जाती है, जो आपको नाटक कंपनी बताते हुए मुझे चिढ़ाते हैं कि आपकी सभा में भीड़ इकट्ठी नहीं होती, सरकारी वाहनों में ढोकर लाई जाती है. मैंने इस वजह से कुछ दोस्तों से बात ही बंद कर दी है. पर अंकल अब मुझे अपने दोस्तों की बात सही लगने लगी है, क्योंकि जब पिछली बार आप सीहोर-विदिशा आए थे, तब भी मेरी स्कूल बस दो दिन नहीं आई थी. मैंने बस वाले अंकल से कहा कि हमारी बस तो बच्चों के लिए है न! उसमें दूसरे लोगों को क्यों बैठा रहे हो? तो वो कहने लगे कि बेटा, कलेक्टर और आरटीओ के ऑर्डर हैं, नहीं मानेंगे तो बस बंद करवा देंगे. ज्यादा चीं-पों की, तो स्कूल भी बंद करवा देंगे.
शिवराज मामा! क्या सच में मेरी बस बंद करवा देंगे वो? क्या मेरा स्कूल भी बंद हो जाएगा. यदि कलेक्टर की बात नहीं मानी तो… अंकल मेरी स्कूल बस नहीं आई, तो मैं स्कूल कैसे जा सकूंगा? मेरे तो पापा भी बाहर गए हैं, जो मुझे बाइक से छोड़ देते. घर पर बस मम्मी और दीदी हैं. बताओ अब कैसे स्कूल जाऊंगा मैं? क्या मेरी पढ़ाई से ज्यादा जरूरी आपकी सभा में लोगों को भिजवाना है? मोदी अंकल, आप तो कांग्रेसी नेताओं जैसे नहीं हो न… आपको तो हमारी, पढ़ाई और भविष्य की चिंता है न. प्लीज आप शिवराज मामा से बोल दो न कि आपकी सभा के लिए स्कूल बसों में लोगों को ढोकर लाने की जरूरत नहीं. आपके तो भाषण में इतना दम है कि लोग खुद-ब-खुद खिंचे चले आएंगे. आपने ऐसा किया तो फिर मैं अपने दोस्तों को ताल ठोंककर कह सकूंगा कि मेरे मोदी अंकल की सभा में भीड़ जुटती है, जुटाई नहीं जाती.’
थैंक्यू !
आपका देवांश जैन (क्लास – 8)