कैलिफॉर्निया. OMG, फिर क्या हुआ, चौंक जाएंगे, दंग रह जाएंगे, दांतों तले ऊंगलियां दबा लेंगे जैसी हेडलाइन्स जो रीडर्स को क्लिक के लिए मजबूर तो करती हैं लेकिन उन्हें ख़बर के नाम पर निराशा ही हाथ लगती है, ऐसी खबरों से अपने यूजर्स को बचाने के लिए फेसबुक ने तकनीकी बदलाव कर दिए हैं.
बदलाव का असर इस तरह की अधूरी, भ्रामक या उत्तेज़क हेडलाइन के सहारे हिट्स और क्लिक बटोरने वाली वेबसाइट्स पर सबसे ज्यादा दिखेगा क्योंकि फेसबुक की नई एलगॉरिथम इस तरह की खबरों को फिल्टर करेगी और उसे कम से कम लोगों तक पहुंचने देगी.
फेसबुक ने एक बयान में कहा है कि यूजर्स लगातार शिकायत कर रहे थे कि इस तरह की भ्रामक हेडलाइन से वो क्लिक कर देते हैं लेकिन उन्हें कंटेंट पढ़ने के बाद निराशा हाथ लगती है. फेसबुक का कहना है कि यूजर्स का समय फालतू के कंटेंट पर बर्बाद न हो इसलिए वो ऐसे हेडलाइन्स को फिल्टर करेगा.
यूजर्स सस्पेंस वाले हेडलाइन देखकर क्लिक करता है और फिर निराश हो जाता है. फेसबुक चाहता है कि शेयर किए जा रहे कंटेंट का हेडलाइन बिल्कुल स्पष्ट और तथ्यपूर्ण हो ताकि यूजर्स को पता हो कि वो क्लिक करने के बाद क्या पढ़ने जा रहा है. फेसबुक हेडलाइंस से सस्पेंस पैदा करके क्लिक और हिट्स बटोरने वाली साइट्स के लिए तकनीक की बड़ी दीवार खड़ी करने जा रहा है जो फेसबुक यूजर्स के लिए राहत की बात है.