नई दिल्ली. अपने घर से संसद तक वीडियो बनाकर विवादों में आए AAP सांसद भगवंत मान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच कर रही संसदीय समिति इस बात पर एकमत है कि मान ने गलत काम किया है लेकिन सज़ा क्या दी जाए इस पर समिति में मतभेद है.
बीजेपी सांसद किरीट सोमैया की अध्यक्षता वाली जांच समिति के सदस्य इस बात पर तो सहमत हैं कि भगवंत मान ने संसद का वीडियो बनाकर गलत काम किया है लेकिन इस गलती के लिए मान को सज़ा क्या मिले, इस पर सदस्य की राय एक जैसी नहीं है. समिति के अध्यक्ष किरीट सोमैया ने कहा है कि भगवंत मान चाहेंगे तो जांच समिति और भी सुनवाई कर सकती है.
खबर है कि समिति के सदस्यों में एक राय न बनने की वजह से समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को सौंप दी है और फैसला उन्हीं के ऊपर छोड़ दिया है.
भगवंत मान ने संसद के अंदर का वीडियो बनाकर उसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया था. मामला इतना बढ़ गया कि भगवंत मान की सदस्यता रद्द करने की मांग तक उठने लगी थी.
उन्होंने कहा कि इस बात पर मैंने बिना शर्त मांफी भी मांग ली थी. उन्होंने कहा कि मैंने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी समन भेजने के लिए कहा है, क्योंकि अगर मैं दोषी हूं तो प्रधानमंत्री 100 गुना ज्यादा दोषी हैं.
मान ने चिट्ठी में लिखा कि 2001 में पाकिस्तान कि खूफिया एजेंसी (ISI) ने संसद पर हमला किया. फिर 2016 में उसी ISI ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया. मोदी जी ने उसी ISI को पठानकोट एयरबेस में बुलाकर पूरा पठानकोट का एयरबेस दिखाया. वो लोग पूरे एयरबेस नक्शा बनाकर पाकिस्तान ले गए. क्या इससे पूरे देश की सुरक्षा को खतरा नहीं हुआ? मेरा वीडियो बनाना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या प्रधानमंत्री जी का ISI को बुलाकर देश की रक्षा के लिए खतरा है.
लोकसभा के इन नियमों को मान ने तोड़ा
लोकसभा का नियम 352 कहता है कि संसद के अंदर की वीडियो रिकार्डिंग नहीं की जा सकती. मान पर इस नियम को तोड़ने का आरोप लगा है. लोकसभा का ही नियम 334 (A) कहता है कि संसदीय कार्रवाई की एडवांस पब्लिसिटी नहीं की जा सकती. वीडियो बनाकर भगवंत मान ने इस नियम को भी तोड़ा है.