पिता केस हार गए केस तो 14 साल के बेटे ने बना दी सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट, जारी किए नकली आर्डर

अपने पिता को खुश करने के लिए दिल्ली के एक 14 साल के एक लड़के ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट बना दी. इस चक्कर में पिता-पुत्र दोनों फंस गए. जहां एक तरफ पिता को तिहाड़ जेल भेज दिया गया वहीं लड़के को बाल सुधार गृह भेजने की बात की जा रही है.

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पिता केस हार गए केस तो 14 साल के बेटे ने बना दी सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट, जारी किए नकली आर्डर

Aanchal Pandey

  • February 27, 2018 7:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः अपने माता-पिता के आज्ञाकारी पुत्र श्रवण कुमार की कहानी तो आपने बचपन में खूब सुनी होगी. अपने माता-पिता की खुशी के लिए उन्होंने उन्हें कावड़ में बैठा कर तीर्थ यात्रा कराई थी. उस बात को तो सालों बीत गए लेकिन आज भी ऐसे बच्चे हैं जो अपने पिता की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है. 14 साल के एक लड़के ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट बना डाली. ऐसा करने के पीछे उसका मकसद अपने पिता का खोया हुआ सम्मान हासिल करना था.

अपने पिता को खुश करने के कोशिश में लड़का बुरी तरह फंस गया और अब उसके खिलाफ जांच बैठा दी गई है. पुलिस ने पिता को गिरफ्तार लिया है और बेटे को बाल सुधारगृह में भेजने की बात की जा रही है. दरअसल दिल्ली के रहने वाले इस बच्चे के पिता नेत्रहीन हैं औरे पेशे से असिस्टेंट प्रोफेसर थे. उन्होंने कॉलेज में जारी अनियमितताओं को लेकर प्रिंसिपल और प्रबंधन के खिलाफ कई शिकायतें की थीं,लेकिन किसी ने भी उसके पिता की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद वह मामले को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लेकिन केस हार गए. जिसके बाद वह उदास रहने लगे.

पिता की हालत देखकर बच्चे ने फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर नकली दस्तावेज और फर्जी ऑर्डर अपलोड कर दिए. इतना ही नहीं बच्चे ने नकली वरिष्ठ जज और सुप्रीम कोर्ट का कर्मचारी बन ई मेल भेजना शुरू किए जिससे की नकली आदेश लागू हो जाए. साथ ही उसने नकली ऑर्डर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जिससे की ऑर्डर असली लगे. इतना ही नहीं दोनों फर्जी ऑर्डर लेकर मजिस्ट्रेट के पास तक पहुंच गए जिससे कि उसे लागू किया जा सके. लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ तो बच्चे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बच्चे ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी मुहर तक बनवा ली. सुनवाई की तारीख भी मिल गई लेकिन सुनवाई के वक्त जब जजों ने कागजात देखे तो पूरा मामला खुला. पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया है जबकि बेटे को बेल मिल गई है.

मजे की बात तो यह इतना सब होने के बाद भी बच्चा नहीं सुधरा. उसने पिता की जमानत के लिए कोर्ट की ओर से फर्जी ईमेल भेजने शुरू कर दिए, जिसके बाद जांच अधिकारी ने कोर्ट में नए सिरे से आवेदन कर बच्चे को बाल सुधार भेजने की बात कही.

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