कलियुग में साक्षात शेषनाग का ‘स्वर्ण अवतार’

भगवान के लिए भक्त की ओर से सबसे बड़ी भेंट उसकी भक्ति होती है. जिसकी बदौलत वो अपने इष्टदेव की कृपा हासिल करता है लेकिन इस कलियुग में एक भक्त ने अपने भगवान को ऐसा उपहार दिया है,जिसकी घर-घर में चर्चा हो रही है.

Advertisement
कलियुग में साक्षात शेषनाग का ‘स्वर्ण अवतार’

Admin

  • July 22, 2016 5:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भगवान के लिए भक्त की ओर से सबसे बड़ी भेंट उसकी भक्ति होती है. जिसकी बदौलत वो अपने इष्टदेव की कृपा हासिल करता है लेकिन इस कलियुग में एक भक्त ने अपने भगवान को ऐसा उपहार दिया है. आज हम आपको तिरुपति बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान विष्णु को मिले उस अनमोल भेंट के बारे में बता रहे हैं. जिसे शेषनाग का स्वर्ण अवतार कहा जा रहा है.
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
अब तक आपने भगवान के चरणों में रुपए पैसे, सोना, चांदी और हीरे-जवाहरात चढ़ाने की तस्वीरें देखी होंगी. अब तक आपने मंदिरों में सोने-चांदी और हीरे के हार, अंगूठी और दूसरे जेवरात दान में मिलते देखा होगा.लेकिन तिरुपति बालाजी के दरबार में उनके एक भक्त ने ऐसा बेशकीमती तोहफा दान किया है.जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
 
‘तिरुमाला तिरुपति’ मंदिर में चढ़ावे के तौर पर मिलने वाली अकूत दौलत की कहानी तो आप अक्सर सुनते रहते होंगे पर इस बार भगवान को अपने भक्त से ऐसी भेंट मिली है.जिसने पूरे मंदिर की प्रतिष्ठा और बढ़ा दी है. आप सोच रहे होंगे भगवान विष्णु को चढ़ावे में ऐसा क्या मिल गया जिससे हर कोई हैरान है, आखिर वो कौन सी दौलत है? जिसे पाकर खुद भगवान भी निहाल हो गए हैं.
 
शेषनाग का नाम सुना होगा आपने. हिंदू मान्यता के मुताबिक शेषनाग ने ही इस पूरी धरती को अपने सिर पर धारण कर रखा है, वही शेषनाग जिसकी शैय्या पर साक्षात नारायण विश्राम करते हैं. सात फनों वाले शेषनाग को विष्णु का अत्यंत प्रिय माना जाता है.अब कलियुग में भी विष्णु का ये प्रिय शेषनाग अपने इष्ट देव के पास लौट आया है चौंकिये नहीं.. हम सचमुच के शेषनाग की नहीं बल्कि उसके स्वर्ण अवतार की बात कर रहे हैं.
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
वही स्वर्ण अवतार जिसने तिरुपति बालाजी के मंदिर की शोभा और बढ़ा दी है. दरअसल.. तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को दान में मिला है सोने का शेषनाग.. जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. असली शेषनाग की तरह सोने के इस शेषनाग के भी सात फन हैं और सब के सब पूरी तरह सोने के बने हैं. तिरुपति बालाजी मंदिर में सोने चांदी और हीरे जवाहरात की चीजें तो अक्सर दान में मिलती रहती हैं लेकिन मंदिर के इतिहास में पहली बार किसी भक्त ने सोने का शेषनाग चढ़ाया है.
 

Tags

Advertisement