Advertisement

आदर्श सोसाइटी को अपने अधिकार में ले केंद्र सरकार: SC

आदर्श सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार निर्देश दिए हैं कि वो एक हफ्ते में आदर्श बिल्डिंग को अपने अधिकार में ले ले. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि बिल्डिंग की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना सोसाइटी में किसी तरह की तोड़-फोड़ न की जाए. कोर्ट ने सोसाइटी की याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर 5 अगस्त तक जवाब मांगा है.

Advertisement
  • July 22, 2016 8:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आदर्श सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार निर्देश दिए हैं कि वो एक हफ्ते में आदर्श बिल्डिंग को अपने अधिकार में ले. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि बिल्डिंग की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना सोसाइटी में किसी तरह की तोड़-फोड़ न की जाए. कोर्ट ने सोसाइटी की याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर 5 अगस्त तक जवाब मांगा है.
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
क्या कहा कोर्ट ने
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोसाइटी से पूछा क्या इस बिल्डिंग में कोई रहता है. जिस पर सोसाइटी के तरफ से कहा गया कि 2010 से बिल्डिंग में कोई नहीं रहता क्योंकि वहां पानी और बिजली काट दो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सोसाइटी से पूछा क्या बिल्डिंग रहने योग्य है नहीं है. सोसाइटी ने कहा नहीं. तब कोर्ट ने कहा फिलहाल हम इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं जारी कर रहे है लेकिन बिल्डिंग की देख रेख का जिम्मा केंद्र सरकार को दे रहे है. 
 
क्या है मामला
बता दें कि अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को इस इमारत को गिरा कर जमीन कब्जे में लेने का निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट ने आदर्श हाउस सोसाइटी घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शूरू करने के भी आदेश दिए थे. बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आदर्श सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
इसलिए बनी थी बिल्डिंग
यह बिल्डिंग कारगिल युद्ध के सैनिकों और उनकी विधवाओं के लिए बनाई गई थी. उस समय यह बिल्डिंग मात्र 6 मंजिला थी, लेकिन बाद में अवैध तरीके से इसे 31 मंजिला बना दिया गया. यह घोटाला 2003 में एक आरटीआई के जरिए सामने आया था. इस घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चाव्हाण सहित कई नेताओं और अफसरों के नाम सामने आए थे.

Tags

Advertisement