भारत के सफलतम कप्तानों में से एक सौरभ गांगुली ने अपने नई किताब ‘ए सेंचुरी इज अ नॉट इनफ’ फिर से दोहराया कि ग्रेग चैपल का भारतीय टीम का कोच बनवाना उनके जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी. गांगुली ने माना है कि वह कुछ भी करने में बहुत ही सावधान रहते हैं. इसलिए उनसे बहुत कम गलतियां होती हैं. लेकिन चैपल के मामले में उनसे गलती हो गई.
कोलकाताः भारत के पूर्व और सफलतम कप्तानों में से एक सौरभ गांगुली ने फिर से दोहराया कि ग्रेग चैपल का भारतीय टीम का कोच बनवाना उनके जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी. अपने नई किताब ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ में ऑफ साइड के भगवान माने जाने वाले गांगुली ने माना है कि वह कुछ भी करने में बहुत ही सावधान रहते हैं. इसलिए उनसे बहुत कम गलतियां होती हैं. लेकिन चैपल के मामले में उनसे गलती हो गई.
गांगुली ने अपने किताब में आगे लिखा है कि जब वह ऑस्ट्रेलिया गए थे तो एक बल्लेबाजी कोच के रूप में उनका व्यवहार काफी अलग था. इसलिए मुझे भारतीय टीम के कोच के रूप में वह एक बेहतर इंसान लगे. लेकिन कोच बनने के बाद उनके व्यवहार में काफी परिवर्तन आया. गांगुली ने इस किताब में लिखा है कि अगर आप प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर होते हैं तो कोई तकलीफ नहीं हुई थी. लेकिन जब व्यक्तिगत कारणों से आपको टीम से निकाला जाता है तो बहुत दुःख होता है. वह भी तब जब आपने अपने टीम के लिए इतना कुछ किया हो.
हालांकि गांगुली ने दुहराया कि इस घटना के बाद भी उनके और राहुल द्रविड़ के संबधों में कोई बदलाव नहीं आया. वह अब भी सबसे अच्छे दोस्त हैं और अभी भी उतने ही खुशमिजाजी से मिलते हैं जितना पहले मिलते थे. गौरतलब है कि गांगुली के बर्खास्तगी के बाद द्रविड़ को ही कप्तान बनाया गया था. लेकिन गांगुली ने माना कि उन्होंने इसके बाद से कभी भी ग्रेग चैपल से बात नहीं की.
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